उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी शहरों को स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छ रखने की नई नीति बनाई है और जिसका कठोरता से पालन करने की अपील भी की अन्यथा गंदगी फैलाने वाले को भारी जुर्माना भरना पड़ा सकता है . योगी सरकार ने अपनी कोर कमेटी की मीटिंग में ये फैसला लिया है की गंदगी फैलाने वालों पे 1000 रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में 2 सिंतबर को हुई कोर मीटिंग में उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 को हरी झंडी दे सी गयी हैं.
उ.प्र सरकार ने कूड़ा प्रबंधन के लिए राशि तय करने का अधिकार नगर निगम पर छोड़ दिया है. वैसे तो केंद्र सरकार की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली-2016 है.और केंद्र सरकार द्वारा बनायी गयी नियमावली को ध्यान मे रखते हुए राज्य सरकारों को उसको ध्यान मे रखते हुए अपने राज्य के लिए नियमावली बनानी थी.
उ.प्र के नगर निगम निकायों में मात्रा के अनुसार कूड़े का निस्तारण नही हो रहा था। इसी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उ.प्र सरकार ने केंद्र सरकार की नियमावली के तहत अपनी नियमावली बना दी है। इस नियमावली के अंतर्गत राज्य की हर सिटी को स्वच्छ रखना है। और जो भी इसका उलंघन करता है उसको उस प्रकार से जुर्माना देना पड़ेगा और इस नियम को लेकर सरकार काफी सख्त हो चुकी है।
इस नियम के तहत कूड़ा अब तीन प्रकार के डिब्बो मे करना होगा जैविक, अजैविक और घरेलू . ये काम केवल नगर निगम का ही नही अपितु सभी आवासीय, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और अन्य जगहों को भी ये व्यवस्था करनी होगी.
नए नियम के अनुसार यदि किसी कार्यक्रम मे 100 से ज्यादा लोग इकठा होते है तो वहां पर हुई गंदगी को आयोजक साफ करवाएगा और अगर वो ऐसा नही करता है तो उसको भारी जुर्माना भरना पड़ा सकता है।
नियमावाली के अनुसार नाली,सीवेज पाइप,नाले आदि मैं भी कचरा डालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसकी जिम्मेदारी मोहल्ले, कालोनी वालों की होगी.
जुर्माना राशि की लिस्ट
गाड़ी से गंदगी फेंकने या थूकने पर- 350 से 1000 रुपए तक जुर्माना
सार्वजनिक स्थान पर गंदगी फैलाने पर- 200 से 500 रुपये तक जुर्माना
स्कूल, अस्पताल के पास गंदगी फैलाने पर 300 से 750 रुपये तक जुर्माना
कूड़ा कचरा मिट्टी में दबाने या फिर जलाने पर 1000 से 2000 रुपये तक जुर्माना