नमस्कार दोस्तों , आज हम एक ऐसे शख्स के बारें में बताने जा रहे है , जिन्होनें बहुत ही छोटी-सी उम्र में क्रिकेट जगत में अपनी जगह बना ली है। आपको बता दे की यहाँ हम यश ढुल के बारें बात कर रहे है। जिनको बचपन से ही क्रिकेट का शोक था।
जन्म और परिवार :
यश का जन्म 11 नवम्बर 2002 में जनकपुरी नई दिल्ली में हुआ था। 2021 के अनुसार यश की उम्र 21 वर्ष है। यह एक मध्वर्ती परिवार से संबध रखते है। इनके पिताजी का नाम विजय ढुल है जोकि एक कॉस्टमेटिक कंपनी में बतौर एक्जीक्यूटिव काम करते थे। इनकी माताजी नाम नीलम ढुल है जोकि एक गृहणी है। इनके इलावा इनकी एक बहन है। यश के दादाजी के नाम जगत सिंह ढुल है जोकि एक आर्मी से रिटायर है।
शिक्षा (Education )
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यश ढुल की स्कूली शिक्षा की बात करे तो इनकी स्कूली शिक्षा दिल्ली के बाल भवन स्कूल से प्राप्त की है। बचपन से ही इनकी शिक्षा और क्रिकेट में भी रूचि थी। यश क्रिकेट के अभ्यास रोज करते थे जिसमे इनके पिता जी इनका साथ देते थे।
हुनर ही पहचान :
सर्वप्रथम इनके हुनर की पहचान इनकी माताजी ने की थी। जब यश मात्र 4 साल के थे तो वो अपनी माताजी के साथ क्रिकेट खेल रहे था तब इनकी माँ ने इनके क्रिकेट खेलने और बॉलिंग करने के तरीके को देखा और निर्णेय किया की यश बड़े होकर एक क्रिकेटर बनेगें। यश बचपन मे अक्सर अपने घर की छत पर अभ्यास किया करता थे। यह जानकर इनके पिताजी ने इनका करियर बनाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। यश को बचपन से ही किसी चीज की कमी होने नहीं दी ।इसके लिए इनके परिवार ने अपने खर्चे में कटौती करना शुरू कर दिया था।
इनके पिताजी ने यश को वो हर चीज लाकर दी जोकि एक क्रिकेटर को अभ्यास करने के लिए चाहिए होती है।यश के पिता जी ने इन्हें बेहतर किट और गियर उपलब्ध कराए , इसके इलावा उन्हें बेहतरीन इंग्लिश विलो बैट भी खरीद कर दिए। यश की हर जरूरत को पूरा करने में इनके परिवार ने बहुत-से बलिदान दिए। यहाँ तक कि जब यश के पिता जी ने अपनी नौकरी छोड़ दी तब उनके परिवार के खर्चे उनके दादाजी की पेंशन से चलते थे ।इसके बावजूद भी इन्होनें अपनी क्रिकेट प्रैक्टिस जारी रखी थी।
करियर की शुरुआत :
जब यश केवल 11 साल की उम्र के थे तो उन्होंने ” बाल भवन क्रिकेट एकेडमी” जॉइन कर ली , यहाँ पर उनकी बारीकियों पर काम किया गया था। जिसके बाद उनका अंडर14 में दिल्ली की टीम में चयन हो गया। अपने परिवार के त्याग को देखकर यश ने पूरी मेहनत की। यश की मेहनत, लगन और बेहतरीन खेल के दम पर अपनी जगह दिल्ली की अंडर16 में बना ली। इसके बाद यश अंडर19 टीम में भी चुने गए और उन टीमों के भी नेतृत्व किया। इसके बाद अब यश अंडर-19 विश्व कप 2022 में भारत की अंडर-19 टीम का नेतृत्व एक कप्तान के रूप में खेले थे। यश की कप्तानी मे भारत अंडर-19 टीम वर्ष 2022 वर्ल्ड कप की विजेता बनी हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान यश ने कहा की ये तो अभी इनके करियर की शुरुआत है लेकिन अगर वो अपने भविष्य में क्रिकेट के प्रति ईमानदार रहते है तो वो एक दिन बहुत अच्छे स्तर पर खेलेंगे और भारत के नाम रोशन करेंगे। यश अपने अच्छे क्रिकेटर होने के श्रेय अपने परिवार को देते है।
महत्वपूर्ण तथ्य :
1 – यश ने मात्र 4 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था।
2 – इनके हुनर की पहचान सबसे पहले इनकी माता जी ने की थी।
3 – यश के सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए इनके पिताजी अपनी नौकरी छोड़ दी।
4 – इनका कहना है कि ये किसी कि नक़ल नहीं करते लेकिन हर कोई इनका हीरो है।
5 – विराट कोहली और उन्मुक्त चंद ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता है और अब इनके बाद यश भी अपनी टीम के लिए यही कारनामा कर चुके है।
6 – यश को यहाँ तक लेन में इनके पिता जी के बहुत बड़ा हाथ है।
7 – यश के बचपन से एक ही सपना था वो था क्रिकेटर बनना।
8 – यश की जरूरतों को पूरा करने के लिए परिवार के बजट में कटौती की जाती थी।