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शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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Women’s Day Special: यहां जानें कुछ विमेन सेंट्रिक फिल्मों के बारे में, जो महिलाओं के सशक्त किरदारों को दर्शाती हैं।

बॉलीवुड में एक समय था जब फिल्मों में लीड किरदार केवल हीरो के होते थे। महिलाओं का किरदार हमेशा साइड रोल होता था। हमेशा फिल्मों में महिलाओं को कमजोर दिखाया जाता था। लेकिन अब वक्त ऐसा है, जब फिल्मों में महिलाओं के किरदार दमदारदिखाए जाते हैं। बीते कुछ समय से ऐसी फिल्में आ रही हैं, जो पूरी तरह से महिला प्रधान यानी “वुमेन सेंट्रिक फिल्में”। इन फिल्मों में महिलाओं के अलग-अलग रंग ढंग देखने को मिले। इन फिल्मों ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि महिलाएं किनमामलों में पुरूषों से आगे हैं। इन फल्मों ने लोगों को ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि हीरो के बिना भी फिल्म सुपरहिट हो सकती है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आज हम आपको बॉलीवुड की उन फिल्मों के बारे में बताएंगे जहाँ महिलाओं ने लीड किरदार निभाया और लोगों ने इनका किरदार काफी पसंद किया। जानें बॉलीवुड की विमेन सेंट्रिक फिल्मों के बारे में।

मदर इंडिया

बॉलीवुड के इतिहास की सबसे दमदार फिल्म मदर इंडिया साल 1957 में आई थी। इस फिल्म में मुख्य किरदार नरगिस ने निभाया था। नरगिस ने एक मां किरदार निभाया था। यह एक ऐसी महिला प्रधान फिल्म थी जिसमें एक महिला के संघर्षों की कहानी को दर्शाया गया था। फिल्म में एक ‌महिला की जिंदगी के तमाम उतार-चढ़ाव की कहानी को इस फिल्म में दिखाया गया है।

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नो वन किल्ड जेसिका

साल 2011 में आई फिल्म नो वन किल्ड जेसिका एक सच्ची घटना पर आधारित है। इस फिल्म में मुख्य भूमिका रानी मुखर्जी और विद्या बालन ने निभाई है। फिल्म में रानी मुखर्जी का किरदार सबको बहुत पसंद आया। उनके किरदार के बाद फिल्म को हिट करने के लिए हीरो की जरुरत नहीं पड़ती है।

भूमिका

श्याम बेनेगल के निर्देशन में साल 1977 में बनी फिल्म ‘भूमिका’ में स्मिता पाटिल का जबरदस्त किरदार देखने को मिलेगा। इस फिल्म में उन्होंने एक हेडस्ट्रॉन्ग एक्ट्रेस का किरदार निभाया है। स्मिता पाटिल, उषा नाम की एक ऐसी महिला की भूमिका निभाती हैं जो फिल्मों और संगीत के बैकग्राउंड में पली-बढ़ी है और खुद भी एक एक्ट्रेस बनती है। उनके पिता बहुत मारपीट करते है, इससे पीछा छुड़ाने के चक्कर में वह खुद एक एब्यूसिव मैरिज में बंध जाती है। जब उस शादी से निकलकर दूसरी शादी करती है तो फिर खुद को बंधा हुआ महसूस करती है, लेकिन आखिर में वह सब कुछ छोड़ एक बैरागी बन जाती है।

दामिनी

मीनाक्षी शेषाद्रि की फिल्म दामिनी एक सशक्त और मजबूत महिला को दर्शाता है। फिल्म में दिखाया गया है कि दामिनी की शादी एक अमीर परिवार में होती है। एक दिन वो अपने देवर को अपनी नौकरानी का शारीरिक शोषण करते हुए पकड़ लेती है और दामिनी का परिवार यह मामला छुपाने की कोशिश करता है। लेकिन दामिनी इसके लिए लड़ती है और उसके परिवार वाले उसे घर से निकाल देते हैं। अंत में वो अकेले लड़कर उस लड़की को न्याय दिलावाती है।

इंग्लिश विंग्लिश

श्रीदेवी की कमबैक फिल्म इंग्लिश विंग्लिश काफी अच्छी फिल्म है। इस फिल्म में एक हाउस वाईफ का किरदार दिखाया गया है। यह दर्शाती है कि कैसे एक गृहिणी, एक पत्नी और एक मां के रूप में प्रतिभाशाली गृहिणी को उसकी बेटी और पति द्वारा बार-बार नीचा दिखाया जाता है क्योंकि उसे अंग्रेजी बोलनी नहीं आती। लेकिन फिर तभी उसे अपनी भतीजी की शादी के लिए अमेरिका जाना होता है। अमेरिका की यात्रा के दौरान शशि इंग्लिश बोलना सीखती है और ऐसे लोगों से मिलती है। यह फिल्म दर्शकों ने खूब पसंद की थी।

इसके अलावा ‘लिपस्टिक अंडर माई बुरखा’, ‘मर्दानी’, ‘मैरी कॉम’, ‘पिंक’, गुलाब गैंग, कहानी, राज़ी, नीरजा जैसी कई ऐसी फिल्में हैं, जिसने एक महिला के दमदार किरदार को दिखाया, यह दिखाया की महिला ठान ले तो कुछ भी कर सकती है। इनमें से कई फिल्म सत्य घटना पर आधारित है।

राजन चौहान
राजन चौहानhttps://www.duniyakamood.com/
मेरा नाम राजन चौहान हैं। मैं एक कंटेंट राइटर/एडिटर दुनिया का मूड न्यूज़ पोर्टल के साथ काम कर रहा हूँ। मेरे अनुभव में कुछ समाचार चैनलों, वेब पोर्टलों, विज्ञापन एजेंसियों और अन्य के लिए लेखन शामिल है। मेरी एजुकेशन बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (सीएसई) हैं। कंटेंट राइटर के अलावा, मुझे फिल्म मेकिंग और फिक्शन लेखन में गहरी दिलचस्पी है।

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