नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आज यानी शुक्रवार 1 अप्रैल को भाजपा कार्यालय के बहार करीब दोपहर के 12:30 बजे एक महिला ने आत्मदाह का प्रयास किया। वह अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़कर कर खुद को आग लगाने वाली थी, इसी बीच पुलिस की नजर उस पर पड़ी और उसे पकड़कर आग लगाने से रोका। जिसके बाद वह हंगामा करने लगी। पुलिस ने उसे सिविल अस्पताल भेजा। महिला ने गोसाईंगंज पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसके बेटे को फर्जी मुकदमें में फंसाकर पुलिस ने जेल भेज दिया है।
खबरों के मुताबिक, गोसाईंगंज के रानीखेड़ा बरौना कला की रहने वाली रामप्यारी ने शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 बजे भाजपा कार्यालय पहुंची। उन्होंने अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ उड़ेल लिया। आग लगाने की कोशिश करने जा रही थी। इसी बीच वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों की नजर पड़ गई। उसे दौड़कर पकड़ लिया और आग लगाने से रोका। इस पर रामप्यारी ने हंगामा शुरू किया।
रामप्यारी ने आरोप लगाया कि गोसाईंगंज पुलिस ने उनके बेटे को फर्जी तरीके से मुकदमे में फंसाकर जेल भेज दिया है। जबकि उसने कोई जुर्म नहीं किया है। कई बार थाने भी गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रभारी निरीक्षक हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला के मुताबिक महिला को सिविल अस्पताल पहुंचा गया है। जहां उसकी हालत ठीक है।
यह था मामला
गोसाईंगंज पुलिस ने कुछ दिन पहले एक युवती को अगवा कर नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म की कोशिश के मामले में दो युवकों को गिरफ्तार किया था। जिसमें पंकज यादव और मोहित शामिल थे। इसी मामले को लेकर रामप्यारी ने पुलिस पर आरोप लगाया है। पुलिस के मुताबिक युवती के परिजनों ने दोनों को खुद पकड़कर सुपुर्द किया था।