अक्सर आपने देखा होगा कि पुरषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा भावुक होती है। आपको बता दें इसके कई कारण हो सकते है। दरअसल, पुरुषो को बाहर 1000 लोगो से पाला पड़ता है इसलिए वो थोड़ा कम भावनात्मक हो जाते है। लेकिन महिलाओं को 10 लोगो स्वभाव का पता होता है जो कि उनसे नजदीकी जुड़े हुए होते है। इसलिए वे ज्यादा भावनात्मक होती है। इसके साथ ही महिलाएं जल्दी इमोशनल हो जाती है। अहम बात ये है कि दिमाग से ज्यादा दिल की सुनती हैं। हालांकि मिशीगन यूनिवर्सटी की रिसर्च ने दावा किया कि महिलाएं और पुरुष दोनों ही बराबर इमोशनल होते हैं। इस स्टडी में 75 दिनों तक 142 पुरुषों और महिलाओं के डेली रूटीन के पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों पहलुओं का अध्ययन किया गया। आइए जानते है ऐसे कौनसे कारण होते है जब महिलाएं अधिक इमोशनल हो जाती है?
क्या हार्मोनल चेंज हो सकती है बड़ी वजह?
साइंस का साफ तौर पर कहना है कि महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा हार्मोनल बदलाव होते है और ये उनमें इमोशनल चेंज में भी प्रभाव डालते हैं। जिसकी बड़ी वजह महिलाओं को भावुक बनाती हैं। लेकिन 21वीं सदी की बात की जाए तो लड़कियों और महिलांओं में इमोशन कम होते जा रहे है। क्योंकि अब महिलाएं भी पुरषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। अब महिलाएं भी अर्श से फर्श की बागडोर संभाल रही हैं।
नन्हें बच्चे को जन्म देते वक्त महिलाओं में बदलाव
अगर संवेदना ही नहीं तो एक नन्हें बच्चे को कैसे पालेगी ? एक बच्चे को संभालना, सहेजना, बनाना और उससे बड़ा करते-करते भावुक हो जाती है। प्रकृति ने अपने हिस्से का काम कर दिया, एक नारी को भावनायें देकर, ये भी एक बड़ी वजह है। जैसी हमारी सोच होगी वैसे हम बनते जाते हैं, बदलते जाते हैं। क्योंकि दया की , प्यार की भावना शरीर में नहीं दिमाग़ में पैदा होती हैं। आपने देखा होगा महिला ही होती है जो अपने बच्चे से साथ सबसे ज्यादा समय व्यतीत करती है। अपने बच्चे से निस्वार्थ प्यार, संवेदना और उसका भोलापन ही औरत को भावुक बना देता है।
शादी महिला को बना देती है इमोशनल
कहा जाता है शादी महिला और उसके परिवार के लिए बहुत बड़ा दिन होता है। लेकिन ये दिन इमोशनल भी होता है। अब आप कहेंगे ऐसा क्यों…क्योंकि शादी तो पुरष की भी होती है। हम आपको बता दें एक पुरष जब शादी करता है तो वो अपनों के बीच पूरी जिंदगी बिता देता है। लेकिन जब एक लड़की शादी के बंधन में बंधती है। तब उसे अपना आंगन, जिसमें वो बड़ी हुईं हैं, जिस परिवार के साथ अपना सुख-दुख बाटा है, वो सबकुछ छोड़कर नए परिवार में प्रवेश करने जाती है। वो भी ऐसे परिवार में जिसे वो ठिक से जानती भी नहीं, इसी डर से कई बार मिहलाएं शादी के वक्त बहुत ज्यादा इमोशनल हो जाती है।
पिता और पति की मौत
कहा जाता है कि महिलाओं की उम्र पुरषों से अधिक होती है। इस बीच पिता और पति दोनों उनके जीवन का वो हिस्सा होते है जिसे अपने ल्वजों से बया नहीं किया जा सकता, इसलिए जब एक महिला टूटती है तब सबसे बड़ा कारण पिता और पति की मौत होता है। पिता वो शख्स जिसने जिंदगी के मायने और अपने सपनों को छोड़कर आपके सपनों के लिए जीना, पति वो जिसने पिता के बाद आपका जीवनभर और हर मोड़ पर साथ दिया। ये दोनों ही महिला की जिंदगी में अहम रोल अदा करते है। इनके बिना जीना एक औरत के लिए मुश्किल खड़ी कर देता है।