टी-20 विश्व कप की शुरूआत बस हो ही चुकी है। भारत अपने दो वॉर्मअप मुकाबले खेल चुका है और दोनों ही मुकाबलों में भारत ने एक शानदार जीत हासिल की है। टी-20 विश्व कप में भारत अपने अभियान की शुरुआत 24 अक्तूबर को पाकिस्तान के खिलाफ करेगा। इस मुकाबले का सभी को बेसब्री से इंतज़ार है। भारत के इतिहास में कई यादगार मुकाबले हुए हैं। मैदान पर कई बार खिलाड़ियों के बीच झगड़े भी हुए हैं। बात यहा भारत और पाकिस्तान के बीच की है रही है, तो भारत और पाकिस्तान के बीच सियासी झगड़े तो आम बात है। लेकिन क्रिकेट के मैदान पर भी कई झगड़े हुए हैं। ऐसे में दोनों टीमें जब मैदान पर भिड़ती हैं, तो हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है। ऐसे में आईए जानते हैं भारत-पाक खिलाड़ियों के बीच हुए छह बड़े विवादों के बारे में।
साल 1978 में जफर अली स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जा रहे आखिरी और निर्णायक वनडे सीरीज मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने सात विकेट खोकर 205 रन बनाए थे। जवाब में भारत ने 37 ओवर्स में दो विके गंवाकर 183 रन बना लिए थे। इसके बाद पाकिस्तानी कप्तान ने 38वें ओवर में सरफराज नवाज को गेंद थमाई। नवाज ने उस ओवर में अंशुमन गायकवाड़ को लगातार चार बांउसर गेंदें फेंकी। हालांकि, अंपायर ने एक भी बॉल को वाइड करार नहीं दिया। जिसके बाद भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने अपने बल्लेबाजों को ड्रेसिंग रूम में बुला लिया और मैच पाकिस्तान को सौंप दिया। वनडे में यह पहला मौका था, जब किसी कप्तान ने बेईमानी करने वाली विरोधी टीम को गुस्से में जीत दे दिया था।
1992 में ऑस्ट्रेलिया में हो रहे विश्व कप में जावेद मियांदाद बल्लेबाजी कर रहे थे। इस मैच में भारत ने पाकिस्तान को 217 रनों का लक्ष्य दिया था, जवाब में बल्लेबाज कर उतरी पाकिस्तान की टीम के दो विकेट गिर चुके थे। उस वक्त भारतीय विकेटकीपर किरन मोरे टीम को प्रेत्साहित करने के लिए विकेट के पीछे से बार-बार अपील कर रहे थे, जिससे मियांदाद को गुस्सा आ गया और दोनों के बीच इसको लेकर कहा-सुनी हो गई। मियांदाद ने इस किस्से को लेकर अंपायर से शिकायत भी की। अगली गेंद पर जब मियांदाद दो रन दौड़कर पूरे कर रहे थे तो किरन मोरे ने उनके खिलाफ रनआउट की अपील की। इस मुकाबले को भारत ने 43 रनों से जीत लिया था।
1996 विश्व कप के क्वार्टरफाइनल के दौरान भारत ने पाकिस्तान को 287 रनों का लक्ष्य दिया था। पाकिस्तान के बल्लेबाज आमिर सोहेल ने वेंकटेश की गेंद पर चौका मारा और वेंकटेश की ओर देखते हुए उंगली से इशारा किया। इस दौरान वो चुनौती दे रहे थे कि तुम अगली गेंद फेंको, मैं फिर चौका मारूंगा। अगली गेंद पर वेंकटेश ने राउंड द विकेट गेंदबाजी करने आए और अगली गेंद पर सोहेल को क्लीन बोल्ड कर दिया। उसके बाद सोहेल को उन्हीं के अंदाज में उंगली दिखाते हुए पवेलियन लौटने का इशारा किया।
2003 में विश्व कप में मैच के दौरान हरभजन सिंह और मोहम्मद यूसुफ हल्का सा मजाक हुआ और वो मारपीट में बजल गया। भज्जी ने उस दिन के बारे में बात करते हुए बताया था कि, ‘लंच के समय मैं एक टेबल पर बैठा था और यूसुफ-शोएब अख्तर दूसरे टेबल पर बैठे थे। हम दोनों पंजाबी बोलते हैं और एक दूसरे की खिंचाई कर रहे थे, तब अचानक उसने निजी टिप्पणी कर दी और फिर मेरे धर्म के बारे में कुछ बोला। फिर मैंने भी तुरंत ऐसा ही करारा जवाब दिया। इससे पहले कि कोई समझ पाता, हम दोनों के हाथ में ‘छुरी-कांटे’ थे और हम अपनी कुर्सी से उठकर एक दूसरे को मारने के लिए तैयार हो गए।
ऐसा ही एक किस्सा हुआ भारत पाक के बीच हुए टेस्ट मैच में, जब शोएब अख्तर जम कर खेल रहे वीरेंदर सहवाग को बार बार हुक मारने के लिए उकसा रहे थे, सहवाग ने पलट कर जबाब दिया की वो जो स्ट्राइकर एन्ड पर तेरा बाप (सचिन तेंदुलकर ) खड़ा है वो मारेगा हुक, अगले ओवर में तेंदुलकर ने शानदार हुक शॉट लगाते हुए छक्का जड़ दिया। तो सहवाग ने अख्तर को छेड़ते हुए कहा की देखा ना बाप बाप होता है बेटा बेटा।
साल 2007 में कानपुर में हो रहे एक वनडे मैच के दौरान गौतम गंभीर और शाहिद आफरीदी बीच मैदान पर झगड़ पड़े थे। दरअसल, गंभीर ने आफरीदी की एक गेंद पर चौका लगाया और अगली ही गेंद पर सिंगल लेने के लिए दौड़ पड़े। जब गंभीर रन लेने के लिए दौड़ रहे थे, तब अफरीदी उनके रास्ते में आ गए और दोनों के बीच टक्कर हो गई थी। इसके बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच जमकर नोंक-झोंक हुई। मैच खत्म होने के बाद रेफरी रोशन महानामा ने आफरीदी पर 95 और गंभीर पर 65 फीसदी का जुर्माना लगाया था।
वहीं, साल 2010 में एशिया कप के दौरान श्रीलंका के दाम्बुला में भारत-पाकिस्तान का मैच हो रहा था। स्पिनर सईद अजमल की गेंद गंभीर के बैट को मिस करते हुए विकेटकीपर कामरान अकमल के हाथों में गई थी। इसके बाद कामरान खुशी के मारे अपील करने पिच तक आ पहुंचे। जिसके बाद अंपायर ने उन्हें नॉटआउट कर दिया। इसके बाद ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान गंभीर और कामरान में तूतू-मैंमैं शुरू हुई। तब फील्ड अंपायर बिली बाउडन ने कामरान को और महेंद्र सिंह धोनी ने गंभीर को एक दूसरे से दूर किया।