जैसा कि हम सब जानते हैं कि सांस्कृतिक और भाषाई समरूपता और राजनैतिक मनमुटाव ने भारत और पाकिस्तान को क्रिकेट के मैदान पर भी घोर प्रतिद्वंदी बनाये रखा है। चाहे द्विपक्षीय श्रृंखला हो या फिर आई सी सी टूर्नामेंट या फिर एशिया कप ही क्यों न हो, भारत पाक के मैच की एक अलग ही हाइप होती है। लेकिन इस प्रतिद्वंदता के बीच बहुत मौके ऐसे भी आये हैं जब दोनों तरफ से प्रशंसा और तारीफ के कसीदे बुने गए।
तो हुआ यूँ कि
किस्सा करीब 15 साल पुराना है, भारत और पाकिस्तान के रिश्ते सुधारने का दौर चल रहा था जिसके तहत सालाना भारत पाक एक दूसरे की क्रिकेट के मैदान पर मेजबानी कर रहे थे। इसी के तहत 2006 में भारत पाकिस्तान के दौरे पर था, क्रिकेट जगत में धोनी का आगमन हुए 2 साल हो चुके थे, धोनी की प्रतिभा की चमक पूरी दुनिया में फ़ैल चुकी थी अब फिनिशर की भूमिका के लिए धोनी को तैयार किया जा रहा था। 2007 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए उनको ज्यादा से ज्यादा मौके दिए जा रहे थे, राहुल द्रविड़ भारत के कप्तान बन चुके थे और ग्रेग चैपल की मनमानी का दौर चल रहा था|
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आते हैं मुद्दे कि बात पर
5 वन डे और 3 टेस्ट मैच की सीरीज का पहला मैच भारत हार गया, दूसरा मैच भारत जीता, लेकिन धोनी के बल्ले की धार सबने देखी तीसरे मैच में। पाकिस्तान ने पहले खेलते हुए शोएब मलिक के शतक और अब्दुल रज्जाक के अर्धशतक की मदद से 288 रन बनाये जबाब में सचिन तेंदुलकर ने 95 और युवराज ने 79 रन बनाये लेकिन अंतिम कील ठोकी धोनी ने। उन्होंने मात्र 46 गेंदों में 13 चौकों की मदद से 72 रन की धुआंधार पारी खेल कर मैच भारत के नाम कर दिया। नतीजन मैन ऑफ़ द मैच भी धोनी को मिला।
असल किस्सा हुआ मैच के बाद
दरअसल लाहौर में हो रहे इस मैच को देखने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्ऱफ भी आये हुए थे, उन्होंने मैन ऑफ़ द मैच का अवार्ड धोनी को देते हुए उनके बालों की तारीफ कर दी। मुशर्ऱफ ने बताया कि वो धोनी की हेयर स्टाइल के फैन हैं साथ ही कहा कि अगर वो इतने बड़े ओहदे पर ना होते तो उनका हेयर स्टाइल कॉपी जरूर करते।
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