सुप्रीम कोर्ट ने ‘टू-फिंगर टेस्ट’ पर लगाई रोक, कहा टेस्ट का कोई वैज्ञानिक आधार ।

जो ऐसा करता है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। 

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WHO ने पहले ही टू-फिंगर टेस्ट को अनुचित बताया है।

यह टेस्ट उस वक्त करना जरूरी हो जाता है, जब गुप्तांग में से रक्त ज्यादा निकल रहा हो, या किसी प्रकार का इंफेक्शन हो।

2013 में, शीर्ष अदालत ने इसपर बैन लगा दिया, लेकिन उसके बावजूद इसे कई जगहों पर किया जाता था।

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