महमारी के दौरान उन लोगों ने जनता की सेवा में अपना सारा वक़्त निकाल दिया, लेकिन इसके बावजूद जनवरी से उन्हें वेतन नहीं मिला है.
सरकार ने सम्मानजनक मानदेय की मांग करने वाली 800 से अधिक आंगनबाड़ी सेविकाओं को बर्खास्त कर दिया.