मुकेश का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है। एक समय था जब वह सेना में भर्ती होना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने तीन बार कोशिश भी की थी, लेकिन वह पास नहीं हो सके।
अपने घर की ज़रुरतों को पूरा करने के लिए और अपने बच्चों का अच्छे से पालन पोषण करने के लिए उनके पिता कोलकाता जाकर ऑटो चलाने लगे।
पिछले साल उनके पिता का निधन हो गया जिसके बाद अपनी बड़ी बहन की सारी ज़िम्मेदारी उनके ऊपर आ गई।