आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ के माध्यम से सफल और सुखद जीवन के लिए कई नियम बताए हैं
व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ चीजें उसके कर्मो के आधार पर मिलती हैं, तो वहीं कुछ सुख-दुख भाग्य के आधार पर प्राप्त होते हैं
चाणक्य के अनुसार, जब बच्चा मां के गर्भ में पल रहा होता है, तब ही उसकी आयु सीमा तय हो जाती है।
व्यक्ति अपने जीवन में कितनी शिक्षा प्राप्त करेगा, यह भी पहले से तय होता है
व्यक्ति अपने जीवन में कितनी धन-दौलत कमाएगा, चाणक्य के मुताबिक यह भी पहले से तय होता है
व्यक्ति की मृत्यु कब और कैसे होगी, यह भी पहले से तय होता है
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