नई दिल्ली: बदलते इस दौर में सेहतमंद रहना सभी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, आज की लाइफस्टाइल और खान-पान के तरीकों से हमारे शरीर को कई तरह के नुक्सान उठाने पड़ रहे है।
जिन बिमारियों को बड़ी उम्र के लोगों में पाया जाता है अब वे युवाओं और बच्चों में भी नजर आने लगी हैं। आपको बता दें, फिट और हेल्थी रहने के लिए हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स और अन्य पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
अगर शरीर में किसी भी विटामिन की कमी हो जाए तो कई तरह की बीमारियां शरीर में बननी शुरू हो जाती है। हमारे शरीर के लिए जितना ज़रूरी विटामिन C,B,E है उतना ही ज़रूरी विटामिन K भी है। विटामिन K की कमी से कई गंभीर बीमारियों के पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है।
आपको बता दें विटामिन K दो प्रकार के होते हैं। पहला विटामिन K1 जो कि हमें पौधों खासकर हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक आदि से मिलता है। वहीं दूसरा प्रकार विटामिन K2 का है जो प्राकृतिक रुप से हमारी आंतों में पैदा होता है और विटामिन K1 की तरह ही कार्य करता है। हेल्थलाइन की खबर के अनुसार विटामिन K ब्लड क्लॉटिंग में अहम भूमिका निभाता है।
खबर के अनुसार, ब्लड क्लॉटिंग वह प्रक्रिया है जिसमें शरीर के आंतरिक और बाह्य हिस्से में एक्सेसिव ब्लीडिंग को रोका जाता है। आमतौर पर विटामिन K की कमी वयस्कों में कम देखने को मिलती है क्योंकि जो फूड हम खातें हैं उसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन K1 की मौजूदगी रहती है। इसके साथ ही K2 शरीर में प्राकृतिक रुप से बनने पर बहुत हद तक शरीर में इसकी पूर्ति हो जाती है। हालांकि कुछ शारीरिक स्थितियों और कुछ दवाओं के सेवन की वजह से शरीर में विटामिन K के क्रिएशन और एब्जॉर्वेशन में कमी हो सकती है।
विटामिन K की कमी के लक्षण
• आसानी से चोटों का लग जाना
• नाखूनों के नीचे छोटे ब्लड क्लॉट्स बन जाना
• म्यूकस मेम्ब्रेन में ब्लीडिंग होना
• खून के साथ डार्क ब्लैक कलर का स्टूल आना
बच्चों में विटामिन K की कमी के लक्षण
• गर्भनाल जहां से निकाली गई वहां से ब्लीडिंग होना
• स्किन, नाक सहित शरीर के अन्य हिस्सों से ब्लीडिंग होना
• दिमाग में अचानक ब्लीडिंग हो जाना. (इस स्थिति में जान जाने का भी खतरा होता है.)