कलाकार: कमल हासन, विजय सेतुपति, फहाद फासिल, सूर्या, कालिदास जयराम आदि
संगीत निर्देशक: अनिरुद्ध रविचंदर
छायांकन: गिरीश गंगाधरन
संपादक: फिलोमिन राज
निर्माता: कमल हासन, आर.महेंद्रनी
निर्देशक: लोकेश कनगराजी
रिलीज की तारीख: 03 जून, 2022
विक्रम इंडियन सिनेमा की बहुप्रतीक्षित फिल्म में से एक है। फिल्मं आखिरकार थियेटर में रिलीज हो गयी है। फिल्म को दर्शको का भरपूर प्यार मिल रहा है। फिल्म की पब्लिक और क्रटिक्स दोनों ने तारिफ की है। फिल्म का निर्देशन किया है लोकेश कनगराज ने, और इसे प्रोडयूस किया है राज कमल फिल्म्स इंटरनेशनल ने। फिल्म में कमल हासन, विजय सेतुपति और फहद फासिल व कालिदास जयराम मूख्य भूमिका में है, वहीं नारायण और अर्जुन दास सहायक भूमिकाओं में हैं। फिल्म में अनिरुद्ध रविचंदर का साउंडट्रैक और स्कोर है, फिल्म में गिरीश गंगाधरन की सिनेमैटोग्राफी है, वहीं फिल्म को एडिट किया है फिलोमिन राज ने।
क्या है कहानी-
फिल्म विक्रम की कहानी लोकेश कनगराज व कार्थी की कैथी के बाद से शुरु होती है । कैथी में जब तमिलनाडु पुलिस द्वारा ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसके बाद से चेन्नई में ड्रग्स के दो बड़े कंटेनर गायब हो गए है।
वहीं दुसरी तरफ एक नकाबपोश गिरोह पुलिस वालो की हत्या कर रहा है। जिसमें पिछली फिल्म के स्टीफन राज और एनसीबी के एसीपी प्रपंचन, उनके शराबी पिता कर्णन को भी मार दिया जाता है। जिसके बाद अधिकारियों की हत्याओं की जांच के लिए, पुलिस प्रमुख जोस ने एक ब्लैक-ऑप्स टीम नियुक्त की है। जिसको अमर ( फहद फाजिल) लीड कर रहें है।
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अमर ड्रग्स से भरे व खोए हुए एक कंटेनर और उसके मालिक संथानम (विजय सेतुपति) के बीच की कड़ी का भी पता लगाने की कोशिश कर रहा है। इन सबके पीछे कर्णन (कमल हासन) नाम का एक शख्स है लेकिन वह मर चुका है। सुराग भ्रमित करने वाले हैं लेकिन अमर को पता चलता है कि ये सभी पहलू विक्रम की ओर ले जाते हैं। कौन है यह विक्रम और क्या है उसका एजेंडा? यह ‘विक्रम’ की असली कहानी है।
एनालिसिस-
लोकेश कनगराज की फिल्मों का स्क्रिनप्ले ज्यादातर कॉम्प्लेक्स होता है। उन्होनें अपराध जगत को बडें अच्छे से दिखानें में महारत हासिल की है। उनकी फिल्मों में ड्रग, बिरयानी, रात, मशीन गन जैसी चिजें प्लाट का अहम हिस्सा होती है। जो उनके फिल्म के प्लॉट को और अच्छा बना देता है और ‘विक्रम’ ऐसी ही फिल्म है जिसका प्लॉट कमाल का है। लोकेश कनगराज ने अपनी फिल्म के विभिन्न पात्रों को इस तरह से डिजाइन किया है कि बाद में भी उनकी कहानियों को आगे बढ़ाया जा सकता है। ‘विक्रम’ में कमल हासन, फहद फासिल और विजय सेतुपति द्वारा निभाए गए शक्तिशाली किरदार हैं। जो अपनी भूमिकाओं को अपने अभिनय से दमदार बनातें है।
लोकेश अपनी फिल्मों में पात्रों के विवरण के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस बार उन्हें दिखानें में ज्यादा समय लगता है। पहले हाफ में कमल हासन कम ही दिखतें हैं, क्योकि फिल्म का प्लॉट ऐसा ही है। वो होते हुए भी फिल्म में नहीं दिखते है। लेकिन फहद फासिल इस स्क्रीन पर छाये रहते है और इंटरवल धमाके के बाद ‘विक्रम’ की असली कहानी सामने आती है।
पहले हाफ में कमल हासन और फहाद छाये रहते है। सेकंड हाफ में कमल हासन का किरदार और दमदार हो जाता है। कमल हासन के पास प्रदर्शन के लिहाज से ज्यादा कुछ नहीं था क्योंकि वह पहले हाफ में मास्क पहने रहते हैं।
फहद फ़ासिल ने एक अंडरकवर अधिकारी की भूमिका निभाई है लेकिन वह लोगों को डरा नहीं सकता है। विजय सेतुपति हर सिन में कमाल लगते है और उनकी शैली और कहानी पर नकारात्मक प्रभाव अच्छा है।
विक्रम में अनिरुद्ध द्वारा बीजीएम दिया गया है जो मनोरंजक है। क्लाइमेक्स पार्ट को अच्छे से हैंडल किया गया है। इसमें एक्शन कमाल का है, बड़े स्टार्स की मौजूदगी में ये फिल्म और भी अच्छी हो जाती है। और क्लाइमेक्स में सूर्या का आना फिल्म को एक नऊ दिशा दे जाता है। ये एक ही किरदार लोकेश की कैथी और विक्रम दोनो कहानियों को आपस में जोड देता है। जो काफी अच्छा आइडिया लगता है। जो लोकेश की नई यूनिवर्स की आने वाली फिल्म कैथी और विक्रम 2 की तरफ इसारा करता है।
विक्रम एक स्टाइलिज्ड एक्शन फ्लिक है जिसमें एक लंबे समय के बाद कमल हासन एक्शन अवतार में दिखेत है। फिल्म में सभी का काम अच्छा है। ये एक कैसी फिल्म है, जिसे भारतीय दर्शको ने पहले कभी नहीं देखा होगा।
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