कहानी फिक्स थी, बड़े बड़े गुर्गे बचाने थे इसीलिये गिरफतारी के बाद से ही कयास लगाये जा रहे थे की विकास दूबे जादा दिन के मेहमान नहीं हैं! अंदेशा ये भी था की जिस एनकाऊंटर से बचने के लिए उसने अपनी गिरफतारी का खेल रचा उसको लखनऊ लाने तक अंजाम दिया जा सकता है! हुआ भी वही जिसकी चर्चा कल दिन भर से शोरो पे थी!
पुलिस का पक्ष
पुलिस का कहना है कि कानपुर में हाईवे पर जिस गाड़ी से विकास दूबे को लाया जा रहा था वो दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गयी जिसके पश्चात विकास दूबे ने एक सिपाही से उसकी बन्दूक छीनकर भागने की कोशिश की! जबाबी कार्यवाही में पुलिस को गोली चलानी पड़ी जिसकी वजह से विकास मारा गया!
पड़ोस के गांव वालो का पक्ष
गोलियों की आवाज सुनकर कुछ गांव वाले हाईवे की तरफ आये तो पुलिस ने उन्हे बीच रास्ते ही रोक दिया! वाहन दुर्घटना की उन्हे कोई खबर नहीं है!
शव को पंचनामा कराने के लिए भेजा!
पुलिस ने विकास के शव को हैलेट हास्पिटल कानपुर भेज दिया है! जहां उसका पंचनामा किया जायेगा! उसके बाद शव को परिजनो को सौंपे जाने की संभावना है!