इन दिनों उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी के तेवर कुछ बदले-बदले नजर आ रहे है। पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि वरुण गांधी योगी सरकार पर हमलावर है लेकिन अब वरुण गांधी ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा के एक दिन बाद आज पीएम मोदी को एक पत्र लिख कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनाने और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
वरुण गांधी ने अपने पत्र में कहा कि यह निर्णय यदि पहले ही ले लिया जाता तो 700 से अधिक किसानों की जान नहीं जाती। वरुण गांधी ने इस दौरान ‘‘बड़ा दिल’’ दिखाते हुए विवादास्पद कानूनों को निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री को साधुवाद दिया और उम्मीद जताई कि वह किसानों की अन्य मांगों पर भी ठोस निर्णय लेंगे।
वरुण गांधी ने अपने पत्र कहा कि , ‘‘यह आंदोलन इस मांग के निस्तारण के बिना समाप्त नहीं होगा और किसानों में एक व्यापक रोष बना रहेगा, जो किसी न किसी रूप में सामने आता रहेगा। अतः किसानों को फसलों की एमएसपी की वैधानिक गारंटी मिलना अत्यंत आवश्यक है। सरकार को राष्ट्रहित में इस मांग को भी तत्काल मान लेना चाहिए। इससे, किसानों को एक बहुत बड़ा आर्थिक सुरक्षा चक्र मिल जाएगा और उनकी स्थिति में व्यापक सुधार होगा।’’
वरुण गांधी ने कहा कि एमएसपी का निर्धारण कृषि लागत मूल्य आयोग के ‘सी2 प्लस 50 प्रतिशत फार्मूले’ के आधार पर होनी चाहिए। वरुण गांधी ने कहा कि, ‘‘इस आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान भाइयों की शहादत भी हो चुकी है। मेरा मानना है कि यह निर्णय यदि पहले ही ले लिया जाता तो इतनी बड़ी जनहानि नहीं होती।’’
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वरुण गांधी ने आगे कहा कि आंदोलन में मारे गए किसानों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए इनके परिजन को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा भी दिया जाना चाहिए।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लोकतंत्र पर ‘‘काला धब्बा’’ करार देते हुए वरुण गांधी ने कहा कि इस घटना में निष्पक्ष जांच एवं न्याय के लिए ‘‘इसमें लिप्त एक केंद्रीय मंत्री पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मेरा विश्वास है कि किसानों की उपरोक्त अन्य मांगों को मांग लेने, लखीमपुर खीरी की घटना में न्याय का मार्ग प्रशस्त करने से आपका सम्मान देश में और बढ़ जाएगा। मुझे आशा है कि इस विषय में भी आप ठोस निर्णय लेंगे।”