बीते कुछ समय से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी योगी सरकार को अपने तीखे तेवर दिखाते नजर आ रहे है, किसान आंदोलन को लेकर भी उन्हें कई बार अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए देखा गया है।
इसी क्रम में वरुण गांधी ने फिर एक बार योगी सरकार पर हमला बोला है। वरुण गांधी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में भारी बारिश के कारण आई जबरदस्त बाढ़ को लेकर योगी सरकार पर हमला करते हुए बीते गुरुवार को कहा कि अगर आम आदमी को उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाएगा तो फिर सरकार का क्या मतलब है।
दरअसल, वरुण गांधी ने यह अपने ट्वीट के माध्यम से कहा, उन्होंने अपने ट्विटर से कुछ तस्वारें साझा करते हुए लिखा कि, “तराई का ज्यादातर इलाका बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को सूखा राशन उपलब्ध कराया है ताकि इस विभीषिका के खत्म होने तक कोई भी परिवार भूखा ना रहे। यह दुखद है कि जब आम आदमी को प्रशासनिक तंत्र की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तभी उसे उसके हाल पर छोड़ दिया जाता है। जब सब कुछ अपने आप ही करना है तो फिर सरकार का क्या मतलब है।”
इससे एक दिन पहले भी वरुण गांधी ने सीएम योगी को एक पत्र लिखकर पीलीभीत में हालिया बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान से अवगत कराया था। वरुण गांधी ने सीएम योगी से मामले का जायजा लेने और प्रभावित किसानों के लिए पर्याप्त मुआवजे की घोषणा करने के लिए आग्रह किया था।
बता दें कि, पिछले दिनों हुई भारी बरसात के चलते पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और बरेली जिलों के अनेकों गांवों में बाढ़ का माहौल है और गांव टापू बने नजर आ रहे हैं। जबकि पीलीभीत में शारदा और देवहा नदियां जबरदस्त उफान पर हैं और उनके किनारे बसे बड़ी संख्या में गांव बाढ़ के पानी से डूब गए हैं। हालात इतने खराब है कि पीलीभीत में शारदा नदी से आई बाढ़ के कारण फसे 500 से ज्यादा ग्रामीणों को बाहर निकालने के लिए प्रशासन ने बीते बुधवार को सेना की मदद ली थी।
ऐसा पहली बार नहीं है कि जब वरुण गांधी ने सरकार की आलोचना की हो इससे पहले भी वरुण गांधी किसानों और स्थानीय नागरिकों के साथ खड़े नजर आए है। वह सरकार से कई बार किसानों के गन्ना समर्थन मूल्य बढ़ाने और किसानों की बात सुनने की अपील करते रहे हैं।
वरुण गांधी ने सरकार से यूपी के लखीमपुर खीरी में चार किसानों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की थी, बताया जा रहा है कि, राष्ट्रीय कार्यकारिणी से उनका नाम हटाए जाने के बाद से ही वरुण गांधी सरकार से नाराज चल रहे है।