यूपी चुनाव 2022 को केवल 4 महीने ही बाकी रह गए है, ऐसे में सभी पार्टियां यूपी के अलग-अलग समाज के बीच अपनी पकड़ बनाने को लेकर जद्दोजहद में जुटी हुई है।
इसी क्रम में पार्टियों की नजर अब मुस्लिम समुदाय पर टिकी हुई है क्योंकि राज्य में मुस्लिम वोटर की संख्या करीब 20 फीसदी है और इसी को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के वोटरों को लुभाने में जहां एक तरफ सपा से लेकर बसपा और कांग्रेस जुटी हैं तो वहीं असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुसलमीन से लेकर डॉ. अय्यूब अंसारी की पीस पार्टी जैसी मुस्लिम पार्टियों की नजर भी इसी वोटबैंक पर है।
वहीं अगर भाजपा की बात की बात की जाए तो भाजपा भी इस रेस में पीछे नहीं है, भाजपा भी इस बार मुस्लिमों को गले लगाने के प्रयासों में लगी हुई है।
दरअसल, अगर यूपी में मुस्लिम वोट के महत्व की बात की जाए तो यहाँ करीब 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं और इसी के चलते राज्य की कुल 143 सीटों पर मुस्लिम मतदाता अपना असर रखते हैं।
इन 143 सीटों में से करीब 70 सीटें ऐसी है, जहाँ पर मुस्लिम आबादी बीस से तीस फीसद के बीच है। जबकि 73 ऐसी सीटें हैं जहां मुसलमान तीस फीसद से ज्यादा है।
इतना ही नहीं यूपी में करीब तीन दर्जन विधानसभा सीटें तो ऐसी हैं, जहां पर मुस्लिम उम्मीदवार अपने दम पर जीत दर्ज कर सकते हैं और करीब 107 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां अल्पसंख्यक मतदाता चुनावी नतीजों को अपने हाथों में लिए बैठे है। इनमें से अधिकतर सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश, तराई वाले इलाके और पूर्वी उत्तर प्रदेश के अंतर्गत आती है।
अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आगामी यूपी चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का रुख आखिर किस पार्टी की तरफ होगा ?
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