आज यानि मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में यूनियन बजट 2022 की घोषणा की है। बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में देश के 9.27 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। क्या आप जानंते है कि स्वतंत्र भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया था। आज हम आपको स्वतंत्र भारत के पहला बजट से जुडी कुछ रोचक बातें बताएंगे।
भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। आजादी के बाद स्वतंत्र भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आर० के० शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था। जोकि साढ़े सात महीने का था। इसके बाद अगला बजट को 1 अप्रैल, 1948 से लागू किया जाना था। पहले इस बजट में निर्णय लिया गया था कि भारत और पाकिस्तान की 1948 तक एक ही करेंसी होगी। इस बजट में सबसे ज्यादा खर्च रक्षा सेवाओं, खाद्यान्न उत्पादन व नागरिक व्यय पर किया गया था। खाद्य उत्पादन कम होने की वजह से खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया गया था। अनुमानित राजस्व व्यय 197.39 करोड़ रुपए में से रक्षा को 92.74 करोड़ रुपए दिए गए थे।
आर० के० शनमुखम चेट्टी कौन थे-
आर० के० शनमुखम चेट्टी का जन्म 1892 में कोयंबटूर में हुआ था। उनके परिवार के पास कोयंबटूर में विभिन्न मिलें थीं। वह एक राजनीतिज्ञ, वकील और एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे। उन्हें तमिल साहित्य में भी गहरी रुचि और ज्ञान था।
मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज और मद्रास लॉ कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, शनमुखम चेट्टी 1917 में कोयंबटूर नगर पालिका के पार्षद बने थे। इसके बाद, वे कोयंबटूर नगर पालिका के उपाध्यक्ष बने थे। उन्होंने संवैधानिक माध्यमों से राष्ट्रीय प्रगति की वकालत की थी। इसके बाद शनमुखम चेट्टी ने कुछ समय के लिए स्वराज्य पार्टी के मुख्य सचेतक के रूप में भी कार्य किया था। 1923 – 31 तक, वे केंद्रीय विधान सभा के सदस्य थे।
1920 में जस्टिस पार्टी के टिकट पर उन्होंने मद्रास विधानसभा से चुनाव लड़ा था। जितने के बाद 1922 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद चेट्टी स्वराज पार्टी से जुड़े, और 1924 में भारत की केन्द्रीय विधान सभा के लिए चुने गये। 1933 में वह सभा के अध्यक्ष बन गए थे।
1935 के चुनावों में पराजित होने पर चेट्टी वापस दक्षिण भारत लौट आए, जहां उन्होंने 1935 से 1941 तक कोचीन राज्य के दीवान के रूप में कार्य किया। 1947 से 1949 तक स्वतंत्र भारत के प्रथम वित्त मंत्री रहे। उन्होंने 1933 से 1935 तक भारत की केन्द्रीय विधान सभा के अध्यक्ष के रूप में, और 1935 से 1941 तक कोचीन राज्य के दीवान के रूप में भी कार्य किया।
1947 में भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात, भारत के प्रथम प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू ने चेट्टी को अपने वित्त मंत्री चुना था। 5 मई 1953 को ह्रदय गति रुक जाने के कारण शनमुखम चेट्टी की मृत्यु हो गई।