उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले यूपी के युवाओं ने योगी सरकार के समक्ष एक और चुनौती खड़ी कर दी है। दरअसल, बेरोजगार युवाओं की तरफ से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम से बेरोजगारी पर हजारों पत्र पोस्ट किए जा रहे हैं और इन पत्रों में सीएम योगी से यूपी के स्कूलों में 1,37,500 सहायक शिक्षकों के रिक्त पदों को तुरंत भरने का अनुरोध किया गया है। इनमें से कुछ पत्र ऐसे है, जिन्हें नौकरी का इंतजार कर रहे कुछ उम्मीदवारों ने अपने खून से लिखा हैं। जो कि अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे है।
बता दें कि, इस साल जुलाई से भर्ती को लेकर लखनऊ में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे है, उम्मीदवारों का आरोप है कि योगी सरकार उनके खिलाफ भर्ती में पक्षपात कर रही है। उम्मीदवारों का दावा है कि योगी सरकार हाशिए के समुदायों के उम्मीदवारों की अनदेखी करते हुए उच्च जाति के उम्मीदवारों का समर्थन कर रही है।
इससे पहले बीते 21 अक्टूबर को, आंदोलनकारी उम्मीदवारों पर पुलिस ने बेरहमी से लाठीचार्ज भी किया था और उन्हें प्रदर्शन स्थल से भगा दिया था। इतना ही नहीं पुलिस ने अब तक 61 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा है।
इस मामले पर प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को भी पत्र लिखकर कहा है कि नौकरी न मिलने पर उनके पास आत्महत्या करके अपनी जीवन लीला समाप्त करना ही एकमात्र विकल्प रह गया है। बता दें कि, योगी सरकार साल 2017 में उत्तर प्रदेश में बहुमत, नौकरियों और राज्य में बेहतर सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ सत्ता में आई थी।
इसपर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी उम्मीदवारों का पक्ष लेते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर युवाओं की मांगों का समर्थन किया है।
जिसमें प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि, “उप्र के युवा हाड़तोड़ मेहनत कर नौकरियों के लिए तैयारी करते हैं। उनके माता-पिता पसीना बहाकर उनकी पढ़ाई व तैयारी का खर्च उठाते हैं।
बड़े ही शर्म की बात है कि भाजपा सरकार उन्हें इस कदर प्रताड़ित करती है कि नौकरी मांगने के लिए वे खून से खत लिखने को मजबूर हैं।”
वहीं अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में केवल इस पत्र को साझा किया।