पीएम मोदी ने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से करीब 35 मिनट तक फोन पर बात की है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने तब कहा था कि उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश के खिलाफ रूस के हमलों का जवाब देने की आवश्यकता के बारे में सूचित किया था। उन्होंने कहा कि भारत ने मास्को के साथ उच्चतम स्तर पर शांतिपूर्ण वार्ता को निर्देशित करने की यूक्रेन की प्रतिबद्धता की सराहना की है। उन्होंने इस संबंध में ट्वीट किया कि पीएम मोदी को यूक्रेन की रूसी हमलों से लड़ाई की जानकारी दे दी गई है। ज़ेलेंस्की ने कहा कि भारत युद्ध के समय यूक्रेन के नागरिकों की सहायता की सराहना करता है। यूक्रेन के लोगों के समर्थन के लिए आभारी हूं। रूस को रोकना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में अब भी फंसे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। साथ ही दोनों पक्षों ने भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर सहमति जताई है। बातचीत के दौरान पीएम ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रही वार्ता का स्वागत किया और आशा जताई कि सीधी बातचीत से ही संघर्ष समाप्त हो सकता है।
मोदी ने पहले जेलेंस्की से 35 मिनट तक बात की इसके बाद उन्होनें पुतिन से 50 मिनट तक बात की है। जिसके बाद पुतिन ने मोदी को आश्वस्त किया कि सुमी से भारतीयों को निकालने के लिए उनकी सेना हरसंभव मदद करेगी। वहीं, जेलेंस्की ने इसकी जानकारी देते हुए ट्वीट किया, मैंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूसी हमले के खिलाफ यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई की जानकारी दी है। भारत ने अपने नागरिकों को दी गई सहायता और उच्च स्तर पर यूक्रेन के शांतिवार्ता प्रयासों की सराहना की है।
दूसरी बार पीएम मोदी ने की फोन पर बात-
आपको बता दें कि यूक्रेन-रूस विवाद शुरू होने के बाद यह दूसरा मौका है जब मोदी और जेलिंस्की ने फोन पर एक-दूसरे से बात की है। दोनों बार बातचीत पूरी होने के बाद दोनों पक्षों की ओर से इस संबंध में आधिकारिक जानकारी दी गई है। बता दें कि ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत भारत अपने करीब 16,000 नागरिकों को 76 उड़ानों में वापस ला चुका है। 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य हमले के शुरू होने के बाद 26 फरवरी को अभियान शुरू किया गया था।
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करीब 700 छात्र अभी भी फंसे हैं-
रूसी और यूक्रेनी सैनिकों के बीच भीषण गोलीबारी के बीच सूमी में अभी भी लगभग 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। भारत ने रूस और यूक्रेन दोनों के अधिकारियों से छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए एक गलियारा बनाने का अनुरोध किया है। पीएम मोदी ने मौजूदा संघर्ष की स्थिति और इसके परिणामस्वरूप मानवता पर संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की है। साथ ही हिंसा को तुरंत रोकने की जरूरत बताई है।