तुलसी गौड़ा, जिन्हें “वन का विश्वकोश” के रूप में जाना जाता है, उन को सोमवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया है।
73 व्यक्तियों को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पद्म पुरस्कार दिए है, जहां कुछ को ये पुरस्कार मरणोपरांत दिए गये है। इनमें से चार पद्म विभूषण, आठ पद्म भूषण और 61 पद्म श्री पुरस्कार थे। यह जानकारी राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी की गयी है।
कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के एक गांव में हलक्की आदिवासी परिवार में जन्मी तुलसी गौड़ा ने उसके जीवनकाल में 30,000 से अधिक पौधे लगाये है।
72 वर्षीय गौड़ा ने राष्ट्रपति भवन में नंगे पांव यह पुरस्कार ग्रहण किया और अपनी सादगी के लिए सोशल मीडिया पर खूब प्रशंसा बटोरी। वह राष्ट्रपति भवन में नंगे पांव चलीं, राष्ट्रपति से पुरस्कार लेने से पहले उन्होनें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अभिवादन भी किया।
राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, “राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सामाजिक कार्यकर्ता तुलसी गौड़ा को पद्म श्री से सम्मानित किया, जिन्होनें एक लाख से भी ज्यादा पौधें लगाये हैं।
तुलसी गौड़ा एक स्वयंसेवक के रूप में कर्नाटक वन विभाग में शामिल हुईं। पर्यावरण की रक्षा के लिए उनके समर्पण और प्रतिबद्धता को देखते हुए, सरकार ने उन्हें एक सदस्य के रूप में एक स्थायी नौकरी की पेशकश की है।
वह पौधों का पोषण करना जारी रखती है और अपने ज्ञान को युवा लोगों के साथ साझा करती है, इस प्रकार पर्यावरण की रक्षा के संदेश को आगे बढ़ाती है।
पद्म भूषण से सम्मानित उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने गौड़ा को लेकर कही ये बात-
इस सरकार ने पद्म पुरस्कार लेने वालो की सरंचना में एक लंबे समय से अतिदेय व परिवर्तनकारी बदलाव किया है। अब, मुख्य रूप से जमीनी स्तर पर समाज के सुधार में मौलिक योगदान देने वाले लोगो पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। मैं वास्तव में अपने आप को उनके रैंकों में शामिल होने के योग्य महसूस नहीं कर रहा था।
पद्म पुरस्कार निम्नलिखित केटेगरी में दिया जाता है-
- पद्म विभूषण
- पद्म भूषण
- पद्म श्री
आपको बता दें कि पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। पद्म भूषण उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट प्रकार की सेवा वाले लोगो को पद्म श्री पुरस्कार दिया जाता है।