सर्दी के मौसम में ठंडा पीने के बाद अक्सर लोगों को गले में खराश की शिकायत होती है। उसके बाद खाना-पीना मुश्किल हो जाता है। यह टॉन्सिलाइटिस के कारण ही होता है। टॉन्सिल की बीमारी को अधिकतर बच्चो में देखा जाता है, जिसे घरेलु उपाय से १-२ दिन में ठीक किया जा सकता है। कभी कभी ये बीमारी लम्बे समय तक भी हो जाती है।
आज हम इस लेख में टॉन्सिल को घरेलु उपाय से ठीक कैसे करे और अगर घरेलु उपाय से राहत नहीं मिलती है तो हम और भी दवा को बताने जा रहे है।
लेकिन हमें ये ध्यान रखना है, पहले हमें घरेलु उपाय का उपयोग करना हैं अगर उससे फायदा नहीं पड़ता है तो हमें और दूसरे उपाय करने है। हमारे उपाय बच्चो से लेकर बड़ो तक के लिए कारगर है।
टॉन्सिल के कारण और लक्षण
टॉन्सिल वायरल इन्फेक्शन है या हम कह सकते है रोगप्रतिकारक शक्ति कमजोर होने के कारण होता है। टॉन्सिल के ज्यादातर लक्षण है, गले में दर्द होना, खाना निगलने में कठिनाई होना। गले में खराश या गले में सूजन का महसूस होना, सांस लेने में तकलीफ होना और साथ ही साथ बुखार भी आ जाता है। टॉन्सिल के इन्फेक्शन को ख़त्म करने के लिए निचे बताये गए रामबाण इलाज 100% कारगर है।
गले के संक्रमण को कैसे रोकें
- हमेशा साबुन से हाथ धोने के बाद ही भोजन करें।
- ठंड के मौसम में ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें।
- गर्म खाना खाने के बाद ठंडी चीजों का सेवन न करें।
- बासी भोजन का सेवन न करें। अगर खाना ठंडा हो गया है तो उसे दोबारा गर्म करें।
- ब्रश करने के बाद नियमित रूप से अपने मुंह को गुनगुने पानी से धो लें।
- तली-भुनी चीजें खाने से बचें।
- दो से तीन महीने तक एक छोटा गिलास गाजर का जूस पिएं।
- गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारे करने से ही टॉन्सिल की सूजन से राहत मिलती है।
टॉन्सिल का घरेलु इलाज
- 5 पत्ते तुलसी, 5 पत्ते काली मिर्च, 2 ग्राम या चने के बराबर अदरक को 1 कप पानी में उबाल कर पानी को पी ले, अगर चाहें तो इसमें आधा चम्मच चीनी और आधा चम्मच चाय पत्ती डालकर भी उबाल सकते हैं।
- आधा चम्मच हल्दी पाउडर को एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पिएं। हल्दी हमारे शरीर को इन्फेक्शन होने से बचाती है। हल्दी को गर्म नहीं करना है।
- एक-चौथाई मुलेठी चूर्ण को आधा चम्मच शहद में मिलाकर खाएं।
- अगर गले में सामान्य खराश और दर्द महसूस हो रहा है तो गर्म पानी करे, उसमे थोड़ा नमक डालकर गरारे करे , ऐसा दिन में 3 से 5 बार करना है।
- एक चम्मच शहद और आधा चम्मच निम्बू का रस मिला कर दिन में 2 से 3 बार पीना चाहिए।
- दूध के साथ 4-5 तुलसी के पत्ते उबाल कर इस , दूध का दिन में 2 बार सेवन करे।
- आप चाहे तो टॉन्सिल के इलाज में अदरक का प्रयोग भी कर सकते है। गरम पानी में थोड़ा सा निम्बू रस और अदरक पीस कर मिला लीजिये और इस पानी को पीना चाहिए और गरारे करने चाहिए
- रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ हल्दी मिला कर पि जाइये। इस उपाय से रात भर आराम से नींद आएगी और इलाज भी हो जायेगा।
- गले का दर्द और सूजन कम करने के लिए बाबा रामदेव द्वारा बताये गए कपालभाति प्राणायाम और उच्चाई प्राणायाम योग भी कर सकते हो
टॉन्सिल्स के लिए टेबलेट नाम टॉन्सिल की आयुर्वेदिक दवा (टॉन्सिल की टेबलेट)
जैसा की बाबा रामदेव ने बताया है 50 ग्राम त्रिकटु चूर्ण, 5 ग्राम अभ्रक भस्म और 5 ग्राम प्रवाल पिस्टी को मिला कर टॉन्सिल की दवा बनाकर बस दिन में 2 बार इसका सेवन करना है। यह दवा बच्चो को देनी हो तो उसमे 1 ग्राम स्वर्ण वसंतमलती और थोड़ा शहद मिला कर बच्चो को दे सकते है।
इस दवा में बबूल की छाल गरम पानी में डाल कर कुल करने पर अधिक फायदा प्राप्त होता है।
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हिमालय सेप्टिलीन टेबलेट्स टॉन्सिल की दवा (Himalaya Septilin Tablets)
इन हिमालय सेप्टिलीन टेबलेट्स का दिन में 2 बार सेवन करना है इसके सेवन के बाद आपको रहत मिलने लग जाएगी, अगर ये दवा बच्चो को देना चाह रहे हो तो इस टेबलेट को दिन में २ बार आधी आधी दे सकते है या फिर आप बच्चो के लिए Himalaya Septilin Syrup भी दे सकते है। अगर बड़े टेबलेट के बजाय सिरप का सेवन करना चाहे तो वो भी कर सकते है।
टॉन्सिल्स के लिए टेबलेट नाम english
दर्द को कम करने के लिए, डॉक्टर एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) या इबुप्रोफेन (Ibuprofen) की भी सिफारिश कर सकते हैं। अपने बच्चे को एस्पिरिन न दें, जिसे रेये सिंड्रोम से जोड़ा गया है, जो एक जीवन-धमकी वाली स्थिति है।
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डॉक्टर से मेडिसिन कब ले Tonsils ट्रीटमेंट
अगर आपको सामान्य गले का दर्द है तो आपको डॉक्टर के इलाज की जरुरत नहीं है, आप टॉन्सिल का इलाज पहले घरेलु उपाय कर सकते है। अगर टॉन्सिल की बीमारी 2-3 दिन से अधिक रहती है और दर्द ज्यादा हो रहा है तो आयुर्वेदिक उपचार या टॉन्सिल का ट्रीटमेंट (Tonsils Treatment ) ले सकते है।
आयुर्वेदिक उपचार खुद से या किसी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल से इलाज करवा सकते हो ।
टॉन्सिल के मरीज लिए क्या सावधानी बरतनी है।
टॉन्सिल की मरीज को किसी ही तरह के ठन्डे खाद्यपदार्थ का सेवन नहीं करना। जैसे आइसक्रीम, कोल्ड्रिंक्स और फ्रिज का ठंडा पानी।
किसी भी तरह की तली हुई चीज़े या बहार के खाने का सेवन नहीं करना। हो सके उतना मसालेदार खाने से दूर रहे।
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Disclaimer
जिस प्रकार से हमारी बीमारी अलग-अलग होती है उसी प्रकार से उनका इलाज भी अलग-अलग है। इसलिए हमारा प्रयास ये रहता है कि हम जिस भी दवाई की जानकारी आपको दें उसके फायदे और नुकसान भी आपके साथ साझा करें। लेकिन केवल पढ़ने मात्र से किसी भी दवाई की पूर्ण जानकारी प्राप्त नहीं हो सकती। इसलिए हम हमेशा आपसे यही बात कहते हैं कि जब भी आप किसी दवाई को इस्तेमाल में लाएं उससे पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। क्योंकि हमारी सावधानी ही हमें भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचा सकती है।