हिंदू धर्म में काले तिल का बहुत महत्व माना जाता है और काले तिल का इस्तेमाल कई शुभ कार्यों के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा पूर्णिमा और अमावस्या के दिन तर्पण और दान के लिए भी काले तिल का ही उपयोग किया जाता है।
इतना ही नहीं काले तिल के कई ऐसे चमत्कारी उपाय भी है जिनको करने से घर में सुख और शांति का वास हो जाता है। तो आइए आज काले तिल से जुड़े ऐसे ही चमत्कारी उपायों के बारे में जानते है।
कालसर्प योग, राहु, केतु और शनि दोष को दूर करने के लिए काले तिल के उपाय
ऐसा कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में घटने वाली शुभ या फिर अशुभ घटनाओं के लिए उस व्यक्ति की कुंडली में उसके ग्रह जिम्मेदार होते है और कुछ अशुभ ग्रह के प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में करियर और कारोबार से जुड़ी कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
इतना ही नहीं अगर किसी की कुंडली में शनि, राहु और केतु एक साथ विराजमान हो जाए, तो ऐसे व्यक्तियों की खुशियों पर ग्रहण लग जाता है। इसको लेकर कई ज्योतिषियों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को अपनी कुंडली से कालसर्प योग, राहु, केतु और शनि दोष को दूर करना हो।
तो ऐसे व्यक्ति को सोमवार और शनिवार के दिन जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। इससे इन ग्रहों का प्रभाव कम होने लगता है और व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
तिल की मदद से पितरों को कैसे करें प्रसन्न
अगर किसी के जीवन में बार-बार समस्याएं आ रही हो या कोई काम ना बन पा रहा हो। तो ऐसे में पितृदोष इन परेशानियों का एक कारण हो सकता है क्योंकि अगर हमारे पितर प्रसन्न होते है, तो सब अच्छा चलता है लेकिन अगर पितर नाराज हो जाए। तो सभी कार्यों में बाधा आने लग जाती है।
इसीलिए अगर किसी की कुंडली में पितृदोष हो, तो उस व्यक्ति को अमावस्या और पूर्णिमा के दिन तिल तर्पण करने चाहिए। इसके अलावा इन दोनों दिन दान किए जाने से भी बहुत लाभ मिलता है।
तिल से कैसे होता है कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत ?
ऐसा माना जाता है कि जीवन में किसी भी ऊंचाई पर पहुंचने के लिए उस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होना बहुत आवश्यक होता है और ऐसे में अगर आप भी सूर्यदेव की कृपा पाना चाहते है। तो आप एक लौटे में जल भरकर उसमें कुछ तिल डालें और फिर उस जल से सूर्यदेव को अर्ध्य दें। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है।
काले तिल से शनिदेव को कैसे करें प्रसन्न
अगर शनिदेव को प्रसन्न करना हो तो शाम के समय उनकी पूजा काले तिल और सरसों के तेल से करनी चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न हो जाते है।