भारत की राजधानी दिल्ली और NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करी। इस सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि दिल्ली और NCR में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए सरकार को दो दिनों के लिए लॉकडाउन पर विचार करना चाहिए।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से भी पूछा कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। बता दें कि इस बीच किसानों का पक्ष लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता के लिए किसानों द्वारा पराली जलाने को पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
इस सुनवाई को करने वाले भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि प्रदूषण में अन्य योगदानकर्ता हैं जैसे वाहनों का उत्सर्जन, पटाखों, औद्योगिक उत्सर्जन, धूल आदि, जिन्हें आकस्मिक आधार पर संबोधित करने की आवश्यकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के लिए केवल पराली जलाने को ही जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। प्रदूषण के लिए दिल्ली में इंडस्ट्रीज, पटाखें और डस्ट प्रदूषण भी इसके कारण हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश देते हुए कहा कि वायु प्रदूषण की वजह से बने दिल्ली और NCR में आपातकालीन हालात से निपटने के लिए केंद्र द्वारा क्या फैसले लिए गए हैं, केंद्र को इसकी जानकारी आगामी सोमवार की सुनवाई में देनी होगी। बता दें कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 15 नवंबर की तारीख तय की है।
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सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के लिए किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को जिम्मेदार बताने वालों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, दिल्ली के वायु प्रदूषण के लिए “किसानों को कोसना” इन दिनों एक फैशन बन गया है चाहे वह दिल्ली सरकार हो या कोई और।
इस दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध ना लग पाने के सवाल को उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने दिवाली समारोह के दौरान दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किया।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को सुझाव देते हुए कहा कि, आपको इस मुद्दे को राजनीति और सरकार से परे होकर देखना होगा। कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे दो-तीन दिन में हम बेहतर महसूस करें।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि स्मॉग टावर और उत्सर्जन नियंत्रण परियोजनाओं को स्थापित करने के उसके फैसले पर आखिर दिल्ली सरकार ने क्या कदम उठाए है।
इतना ही नहीं इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि, आपने राष्ट्रीय राजधानी में सभी स्कूल खोल दिए हैं और अब बच्चे प्रदूषण के संपर्क में हैं। यह केंद्र का नहीं बल्कि आपका अधिकार क्षेत्र है। उस मोर्चे पर क्या हो रहा है ? इसकी जानकारी दी जाए।