नई दिल्ली : अधिकतर लोग हल्का सा बुखार आने पर थर्मामीटर का इस्तेमाल करते है। इसमें डिग्री सेल्सियस या फिर फारेनहाइट बुखार होता है इसकी जानकारी थर्मामीटर से ही प्राप्त की जा सकती है। मार्केट में बहुत से थर्मामीटर मिल जाते है, लेकिन वो उपयोग करने में सही है या गलत इस बात की पहचान होना भी बेहद जरूरी है। बहुत से लोग थर्मामीटर मार्केट से खरीद तो लेते है लेकिन घर आने पर चल नहीं पाता है। ऐसे में आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है कि थर्मामीटर की पहचान करना। आज हम आपको इस आर्टिकल में थर्मामीटर की पहचान कैसे करें इसकी जानकारी देने जा रहे है।
थर्मामीटर की पहचान कैसे करें
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1. थर्मामीटर खरीदने से पहले आपको उसे अपने हाथ में ले लेना चाहिए, जिससे की उसकी क्वालिटी की जांच हो सकें। इसमें डल लग रही है या फिर ये आपको देखने में सही नहीं लग रहा तो ऐसे में आपको उसे गलती से भी खरीदना नहीं चाहिए।
2. थर्मामीटर खरीदते वक्त आपको उसकी डिग्री सेल्सियस और फारेनहाइट को ठीक से देख लेना चाहिए। यदि कोई गड़बड़ होती है तो ऐसे में आपको उस थर्मामीटर को खरीदना नहीं चाहिए।
3. यदि थर्मामीटर इलेक्ट्रिक है तो आपको इसकी बैटरी को चेक कर लेना चाहिए। इसके बैटरी की क्वालिटी बेहतर होनी चाहिए और इसमें चलने वाली बैटरी मुख्य होती है।
4. इंफ्रारेड थर्मामीटर का भी इस्तेमाल कोरोना के बाद में काफी ज्यादा बढ़ गया है, इसमें दूर से ही शरीर का टेंपरेचर माप लिया जाता है। लेकिन अधिकतर मामलों में इसमें सही रीडिंग नहीं आती।
5. बुखार का टेंपरेचर लेने से पहले आपको उसकी डिस्प्ले में बैटरी जरूर देखनी चाहिए। अगर इसकी बैटरी लो सिग्नल दे रही है तो आपको इस थर्मामीटर को खरीदना नहीं चाहिए इसमें कोई गड़बड़ भी हो सकती है।
6. जिस थर्मामीटर में आपको बैक लाइट देखने को मिलती है, उन्हें खरीदने से बचना चाहिए। इस लाइट से थर्मामीटर की बैटरी जल्द खत्म होने लगती है।
7. इसके अलावा यदि आपके घर में कोई नवजात है तो आपको एडल्ट वाला थर्मामीटर खरीदना नहीं चाहिए। बच्चो के लिए कान के पीछे लगाने वाला थर्मामीटर सबसे बेहतर माना जाता है।