आज विश्व के सबसे बड़े सर्च इंजन का जन्मदिन है । जी हां आज गूगल अपना 23वा जनमोत्स्व मना रहा है। आज के समय मे सर्च इंजन का मतलब गूगल होगया है। आम आदमी हो या कोई टेक इंसान वो कुछ भी सर्च करता है तो गूगल पे ही करता है, गूगल से पहले कई सर्च इंजन आये लेकिन वो मुकाम नही पा सके जो गूगल ने पाई है। आज के टाइम के बच्चे गूगल के अलावा कोई सर्च इंजन था ये भी नही जानते।
आज कल विश्व का हर व्यक्ति गूगल को जानता है। हर एक व्यक्ति के स्मार्टफोन चाहे वो एंड्रॉयड हो या आईओस सब में सर्च इंजन के तौर पर गूगल रहता है। हर नौकरी करने वाले बंदे का सपना होता है गूगल के साथ काम करने का । लेकिन आप ये जान के हैरान हो जायेगे कि एक वक्त ऐसा भी था, जबकि गूगल बंद हो सकता था । 1997 में गूगल अपने आप को को याहू को बेचना चाहता था वो भी सिर्फ 2 मिलियन डॉलर में लेकिन तब गूगल के इस ऑफर को याहू ने ठुकरा दिया था। लेकिन 2002 आते आते गूगल ने अपनी अलग पहचान बना ली। गूगल की कामयाबी को देख याहू ने 3 बिलियन डॉलर में खरीदने की बात की तब गूगल ठीक उसी तरह उसके ऑफर को ठुकरा दिया। मौजदा समय की बात करे तो याहू अब बिल्कुल बंद हो चुकी है। और गूगल के आगे कोई भी सर्च इंजन मार्किट में टिक नही पाया ।
गूगल का इतिहास
गूगल ने सर्वप्रथम 15 सितंबर 1997 में Google.com के नाम से डोमेन पंजीकृत करवाया था। जो मार्केट शेयर जनवरी 2017 में Google में बढ़कर करीब 90 फीसदी हो गया है। Google 33 प्रतिशत मुनाफा स्मार्टफोन और एप्पल फ़ोन से आता है।
जिस समय 1998 में Google की शुरुआत हुई थी, उस समय सम्पूर्ण वर्ल्ड वाइड वेब पर करीब 2.5 करोड़ पेज शामिल थे।
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गूगल ने आर्टिफिशिय इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करने लगा है, इस टेक्निक की सहायता से गूगल ने बोलकर सर्च करने का ऑप्शन लोगो को दे दिया जिसके हर कोई इस्तमाल कर सकता हैं।
Google ने अपने सर्च इंजन के बारे में कहा, ‘हमें हर रोज लगभग 15 बिलियन सर्च क्वेरीज मिलती है, जिनमें से 15 फीसद क्वेरीज एकदम यूनिक होती है, जिसे पहले कभी सर्च नहीं किया गया है।