आई.टी विभाग ने सामान्यीकरण शुल्क और प्रेषण के लिए विवरण दाखिल करने सहित विभिन्न अनुपालनों के लिए रविवार को इसकी समयसीमा बढ़ा दी. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म-1 में सामान्यीकरण शुल्क ब्योरा भरने की समयसीमा 30 जून की तारीख के बदले 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है. जून और सितंबर तिमाही के लिए किए गए प्रेषण के संबंध में अधिकृत डीलरों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले फॉर्म 15सीसी में त्रैमासिक विवरण अब क्रमशः 30 नवंबर और 31 दिसंबर तक घोषित किया जा सकता है.
इस विवरण को दाखिल करने की मुख्य तारीख क्रमशः 15 जुलाई और 15 अक्टूबर थी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि करदाताओं और अन्य हितधारकों द्वारा कुछ फॉर्म को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दाखिल करने में आ रही दिक्कतों की जानकारी दी गई है. इसी को ध्यान में रखते हुए इन फॉर्म की ई तरीके से जमा कराने की तारीखों को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है
विश्वास योजना की तारीख को भी आगे बढ़ाया
इस बीच सरकार ने प्रत्यक्ष कर समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास’ के तहत भुगतान की तिथि एक महीने बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है. इस योजना के तहत विवादित कर, ब्याज, जुर्माने और शुल्क के मामलों का समाधान किया जाता है. इसमें किसी आकलन या पुन:आकलन आदेश में 100 फीसदी विवादित कर और 25 फीसदी विवादित जुर्माने या ब्याज या शुल्क के भुगतान के बाद मामले का समाधान हो जाता है.
इसमें करदाता को ब्याज, जुर्माने में मिलने वाली छूट के अलावा आयकर कानून के तहत किसी अभियोजन से छूट भी मिलती है. वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि” फॉर्म 3 जारी करने और संशोधित करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए भुगतान की तिथि को 30 सितंबर, 2021 तक बढ़ाने का फैसला किया गया है. विवाद से विश्वास के तहत भुगतान के लिए फॉर्म 3 जरूरी है.”
जून में भी बढ़ाई थी तारीख
इससे पहले मंत्रालय ने जून में इस योजना के तहत भुगतान की तिथि को बढ़ाकर 31 अगस्त किया था. हालांकि, करदाताओं के पास ब्याज की अतिरिक्त राशि के साथ 31 अक्टूबर तक भुगतान करने का विकल्प था. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अतिरिक्त राशि के साथ भुगतान की 31 अक्टूबर की तिथि में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है.