अफगानिस्तान में जारी खूनी संघर्ष के बीच तालिबान को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने शुक्रवार को कंधार पर कब्जा कर लिया है. तालिबान ने दावा किया कि उसने एक और प्रांतीय राजधानी कंधार पर कब्जा कर लिया है. अब सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी काबुल उससे बची हुई है. बता दें कि काबुल के बाद कंधार ही अफगानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है.
गजनी और हेरात भी कब्जे में
अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से तालिबान पूरी ताकत के साथ सत्ता कब्जाने की कोशिश में लगा है. वो अब तक कई इलाकों पर कब्जा कर चुका है. कंधार फतह करने से पहले गुरुवार को तालिबान ने दो और प्रांतीय राजधानी गजनी और हेरात पर कब्जा कर लिया था. इस तरह से आतंकवादी संगठन अब तक 12 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर चुका है. अब उसका अगला टारगेट राजधानी काबुल है.
राजधानी से महज 130 किलोमीटर दूर
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तालिबानी लड़ाके काबुल से महज 130 किलोमीटर दूर हैं. हाल ही में एक खुफिया अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया था कि तालिबान 1 महीने के अंदर काबुल को घेर लेगा और 3 महीने के अंदर राजधानी काबुल पर कब्जा कर सकता है. वहीं, अफगानिस्तान के प्रांत गजनी पर तालिबान के कब्जे के साथ ही काबुल को दक्षिणी प्रांतों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण हाईवे कट गया है. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि गजनी शहर के बाहर स्थित एक सैन्य प्रतिष्ठान और खुफिया ठिकाने पर छिटपुट लड़ाई अब भी चल रही है.
इन इलाकों पर तालिबान का कब्जा
तालिबान आतंकियों ने अब तक जरांज, शेबरगान, सर-ए-पुल, कुंदुज, तालोकान, ऐबक, फराह, पुल ए खुमारी, बदख्शां, गजनी, हेरात और कंधार पर कब्जा कर लिया है. जबकि लश्कर गाह में अभी भी भीषण लड़ाई जारी है. वहीं, तालिबान के तेजी से बढ़ते कदम को देखते हुए अफगान सरकार समझौते की बात भी कर रही है. माना जा रहा है कि राष्ट्रपति सत्ता के बंटवारे जैसा कोई फैसला ले सकते हैं.
अपनों को निकालने के लिए सैनिक भेजेगा US
उधर, अमेरिका काबुल में दूतावास से कुछ और कर्मियों को वापस लाने के लिए अतिरिक्त सैनिक भेजने वाला है. एक अधिकारी ने को इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि ये सैनिक अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों की वापसी में मदद करेंगे. पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने घोषणा की कि अमेरिकी रक्षा विभाग काबुल से एंबेसी के कर्मचारियों को निकालने के लिए अफगानिस्तान में सेना भेजेगा. उन्होंने कहा अगले 24-48 घंटों में काबुल हवाई अड्डे पर 3 बटालियनों को ट्रांसफर किया जाएगा, जिनमें लगभग 3,000 सैनिक होंगे.