फिल्म का नाम ‘टाइगर नागरेश्वर राव’ रखा गया है, जिसकी कहानी एक कुख्यात चोर के इर्द-गिर्द घूमती है। रियल लाइफ में टाइगर नागेश्वर राव आंध्र प्रदेश के स्टुअर्टपुरम गांव का रहने वाला एक डाकू था, जिसे चोरों के गांव के नाम से जाना जाता था।
फिल्म ने पिछले तीन सालों में कई प्रोडक्शन हाउस और अभिनेताओं से हाथ मिलाया हैं। यह आखिरकार रवि तेजा और निर्माता अभिषेक अग्रवाल की झोली में आ गिरी है। इस प्रोजेक्ट पर दोनो मिलकर काम करने वाले है। वहीं अगर फिल्म के निर्देशन की बात करे तो इस फिल्म का निर्देशन वामसी कृष्णा करेंगे।
हाल ही में फिल्म निर्माताओं का हर बड़े बजट की फिल्म को ‘पैन-इंडियन’ प्रोजेक्ट के रूप में घोषित करना एक फैशन बन गया है। इसी तरह ‘टाइगर नागरेश्वर राव’ के मेकर्स भी इसे पैन इंडिया प्रोजेक्ट के तौर पर पेश कर रहे हैं। यह फिल्म तमिल, कन्नड़, मलयालम और हिंदी भाषाओं में रिलीज की जाएगी। फिल्म की आज घोषणा कर दी गई है। रवि तेजा द्वारा घोषित दो अन्य फिल्मों की शूटिंग खत्म होने के बाद इस फिल्म पर काम शुरू होगा।
अभी कुछ दिने पहले तेलुगु अभिनेता बेलमकोंडा साई श्रीनिवास टाइगर नागेश्वर राव की बायोपिक में मुख्य भूमिका निभाने की खबर आयी थी। फिल्म की घोषणा ‘स्टुअर्टपुरम डोंगा’ शीर्षक के साथ की गई थी। नागेश्वर राव 1970 के दशक में स्टुअर्टपुरम के कुख्यात और साहसी चोर के रूप में जाने जाते थे। पुलिस और जेल से भी भागने के अपने चतुर तरीके के लिए जाने जाने वाले नागेश्वर राव का जीवन और समय बड़े पर्दे पर जीवंत होगा। वास्तव में, यह चेन्नई की जेल से एक ऐसा पलायन था जिसने उन्हें ‘टाइगर’ का उपनाम दिया। कुख्यात लुटेरे को अंततः 1987 में पुलिस ने गोली मार दी थी। फिल्म की निर्माण टीम के अनुसार, एक मजबूत स्क्रिप्ट तैयार की गई है और सभी आवश्यक व्यावसायिक सामग्री को सही अनुपात में शामिल किया गया है। वेनेलकांति ब्रदर्स फिल्म के लेखक हैं। चूंकि कहानी 70 और 80 के दशक में सेट की गई है, इसलिए लोकप्रिय तकनीशियनों को इस उच्च-बजट मनोरंजन का हिस्सा बनने के लिए तैयार किया गया है।
अब देखना ये होगा कि क्या इन दोनों फिल्मो पर काम शूरु हो जाएगा या नही और दोनो में से कौन सी फिल्म सिनेमा हाँल मे रिलीज होगी। क्योकि ये दोनो फिल्म ‘टाइगर नागरेश्वर राव’ के जीवन पर आधारित है।