श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन बढता जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने कल राष्ट्रपति भवन को अपने कब्जे में ले लिया है। उनका कहना है कि इतने दिनों से हम जिस बदलाव का इंतजार कर रहे थे, वो बदलाव आ गया है। राष्ट्रपति गोतबाया ने ऐलान किया है कि वो 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा देंगे। इसके शाथ ही बढ़ती हिंसा को देखते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पहले अपने इस्तीफा की पेशकश कर दी है।
रविवार को श्रीलंका के मुख्य विपक्षी दल सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए एक विशेष पार्टी बैठक बुला सकते हैं। वहीं मुख्य विपक्ष समागी जन बालवेगया (एसजेबी) और विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा, नेता रऊफ हकीम, मनो गणेशन और ऑल सीलोन मक्कल कांग्रेस के नेता शामिल होने की उम्मीद है।
रविवार को राष्ट्रीय स्वतंत्रता मोर्चा सहित नौ दलों के नेताओं की बैठक बुलाई जानी है। इस बैठक में उभरती राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की जानी है। वहीं इस चर्चा पर कम्युनिस्ट पार्टी के उपाध्यक्ष वीरासुमना वीरसिंघे का कहना है कि हम इस बैठक में सर्वदलीय सरकार को लेकर लंबी चर्चा करने वाले है।
गोतबया के घर मिले करोड़ों रुपये-
श्रीलंका में रविवार को प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे के आवास पर धावा बोल दिया था। ऐसा बताया जा रहा है कि उनकी हवेली के अंदर से करोड़ों रुपये बरामद किए गए है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक प्रदर्शनकारियों बरामद हुए नोटों की गिनती कर रहा है। वहीं एक अखबार में बताया गया है कि बरामद धन को सुरक्षा इकाइयों को सौंप गया था।
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इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बयान दिया है कि हम श्रीलंका को लेकर बहुत सहायक रहे हैं और हम श्रीलंका की मदद की कोशिश कर रहे हैं। वो भी अपनी समस्या को लेकर काम कर रहे हैं। हालांकि अभी तक शरणार्थियों से संबंधित कोई समस्या सामने नहीं आई है।
कांग्रेस पार्टी से सोनिया गांधी का बयाना आया है। सोनिया गांधी ने कहा है कि कांग्रेस इस गंभीर संकट की घड़ी में श्रीलंका के साथ है। उसके लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करती है, हम आशा करते है कि श्रीलंका जल्द ही इससे उबर जाए। हम उम्मीद करते है कि भारत श्रीलंका के लोगों व सरकार की मदद करना जारी रखेगा।
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