Shri Ram Shalaka Prashnavali Kya hai | श्रीराम शलाका का प्रयोग कैसे करें|How To Use Shri Ram Shalaka Prashnavali |ram shalaka prashnavali with answers in hindi
जीवन में कई बार ऐसा समय आता है कि जब हमें समझ नहीं आता है कि क्या करें और क्या न करें? इससे उबरने के लिए श्रीराम शलाका प्रश्नावली (Shri Ram Shalaka Prashnavali) के रुप में एक कीमती कुंजी हमें मिली है जिसकी उपयोग विधि बेहद सरल है।
सबसे पहले भगवान श्रीरामचंद्रजी का श्रद्धापूर्वक ध्यान करें और जिस प्रश्न पर प्रभु का मार्गदर्शन पाने की आवश्यकता है उसके बारे में सोचें।
श्रीराम शलाका प्रश्नावली – Ram shalaka Prashnavali in Hindi
हर व्यक्ति चाहता है की उसके जीवन में हर सुख सुविधा हो, सभी कार्य उसके अनुरूप हों। जीवन कोई परी कथा नहीं है। इस जीवन में हमें नित्य नयी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हम कार्य तो बहुत से करते है।
कई बार हम उन कार्यों में असफल हो रहे होते हैं, जिनमें दूसरे लोग सफल हो रहे होते है। तमाम परिश्रम तमाम योजनाओं के बाद भी अपेक्षित रिजल्ट नहीं मिल पाता है। तब हम असमंजस में पड़ जाते है की हम क्या करे? हमें अच्छा कार्य करना चाहिए वरना हमें सफलता नहीं मिलगी। ऐसी असमंज की स्तिथि में पवित्र “श्रीराम शलाका प्रश्नावली” से हमें सच्चा मार्ग दर्शन मिल सकता है
श्रीराम शलाका प्रश्नावली क्या है? Ram Shalaka Prashnavali kya hai
श्रीराम शलाका प्रश्नावली(Shri ram shalaka prashnavali) गोस्वामी तुलसीदास की रचना श्री रामचरितमानस (Shree Ramcharitmanas) में दिया गया है। इसमें एक 15×15 ग्रिड में कुछ अक्षर, मात्राएँ आदि लिखे हैं। जिनके प्रयोग से हम रामायण की चौपाई बनाते है। मान्याता है कि किसी को जब कभी आपको अपने किसी प्रश्न का उत्तर प्राप्त करने की इच्छा हो तो श्री राम शलाका की मदद से अपने सवालों का जवाब प्राप्त किया जा सकता है।
कई बार हम उन कार्यों में असफल हो रहे होते हैं, जिनमें दूसरे लोग सफल हो रहे होते है। तमाम परिश्रम तमाम योजनाओं के बाद भी अपेक्षित रिजल्ट नहीं मिल पाता है। तब हम असमंजस में पड़ जाते है की हम क्या करे? हमें अच्छा कार्य करना चाहिए वरना हमें सफलता नहीं मिलगी। ऐसी असमंज की स्तिथि में पवित्र “श्रीराम शलाका प्रश्नावली” से हमें सच्चा मार्ग दर्शन मिल सकता है।
श्रीराम शलाका का प्रयोग कैसे करें? How To Use Shri Ram Shalaka Prashnavali
“श्रीराम शलाका प्रश्नावली” (Shri Ram Shalaka Prashnavali) का हमारे धार्मिक साहित्य में बहुत मान्यता है। इसका उपयोग भी बहुत ही सरल है। इसके लिए सर्वप्रथम प्रभु श्री राम का सच्चे हर्दय से ध्यान करते हुए अपने मन में अपना प्रश्न सोच लें, जिस कार्य पर आप प्रभु की कृपा चाह रहे है। उस कार्य की सफलता के लिए “किसी भी शब्द पर अपनी आंख बंद करके क्लिक करें”।
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श्रीराम शलाका के जिस शब्द पर आपने क्लिक किया है उससे हर नौ खानों में दिए गए शब्दों को जोड़कर एक चौपाई बनती है जो आपका समाधान है। अब अपनी आँखे खोलकर अपने प्रश्न का उत्तर देखें।
श्री राम शलाका में कुल 9 चौपाई है। जिसके आधार पर हमें अपने प्रश्न का उत्तर मिलता है।
1. प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। हृदय राखि कोसलपुर राजा।
इस चौपाई को सुन्दरकाण्ड से लिया गया है। ये हनुमानजी के लंका प्रवेश करने के है।
फल- भगवान् का स्मरण करके कार्य आरम्भ करने से सफलता मिलेगी।
2. सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी।
इस चौपाई को बालकाण्ड में श्रीसीताजी के गौरीपूजन प्रसंग से लिया गया है।
फल- कार्य सिद्ध होगा।
3. उघरें अंत न होइ निबाहू। कालनेमि जिमि रावन राहू।।
इस चौपाई को बालकाण्ड के सत्संग-वर्णन प्रसंग से लिया गया है।
फल- इस कार्य की सफलता में सन्देह है।
4. बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं।।
इस चौपाई को बालकाण्ड के सत्संग-वर्णन प्रसंग से लिया गया है।
फल- कार्य की सफलता में सन्देह है।
5. होइ है सोई जो राम रचि राखा। को करि तरक बढ़ावहिं साषा।।
चौपाई को बालकाण्डान्तर्गत शिव और पार्वती के संवाद से लिया गया है।
फल- कार्य होने में सन्देह है, इसे भगवान् पर छोड़ देें।
6. मुद मंगलमय संत समाजू। जिमि जग जंगम तीरथ राजू।।
चौपाई को बालकाण्ड में संत-समाजरुपी तीर्थ वर्णन से लिया गया है।
फल- कार्य सिद्ध होगा।
7. गरल सुधा रिपु करय मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई।।
चौपाई को श्रीहनुमान् जी के लंका प्रवेश करने के समय से लिया गया है।
फल- कार्य सफल होगा।
8. बरुन कुबेर सुरेस समीरा। रन सनमुख धरि काह न धीरा।
चौपाई को लंकाकाण्ड में रावन की मृत्यु के पश्चात् मन्दोदरी के विलाप प्रसंग से लिया गया है।
फल- कार्य पूर्ण होने में सन्देह है।
9. सुफल मनोरथ होहुँ तुम्हारे। राम लखनु सुनि भए सुखारे।।
चौपाई को बालकाण्ड पुष्पवाटिका से पुष्प लाने पर विश्वामित्रजी का आशीर्वाद है।
फल- कार्य सिद्ध होगा