बॉलीवुड में कई अभिनेता ऐसे हैं जिन्होंने अपने अभिनय के दम पर अपनी एक अलग ही पहचान कायम की है। इन एक्टर्स में एक नाम है संजय मिश्रा का। वो जब भी पर्दे पर किसी किरदार को निभाते हैं, तो उसे सिर्फ निभाते नहीं हैं, बल्कि उसे जीते हैं।
दरभंगा में जन्में, संजय मिश्रा ने मुंबई तक का जो सफर तय किया है, वो फिल्मों में बड़ी खूबसूरती से दिखाई दे रहा है।हां, यह कहना गलत नहीं होगी कि वो एक ऐसे अभिनेता हैं, जो हर रोल में फिट हो जाते हैं। वो जब भी पर्दे पर किसी किरदार को निभाते हैं, तो उसे सिर्फ निभाते नहीं हैं, बल्कि उसे जीते हैं।
लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उन्होंने फिल्मों कि दुनिया को छोड़, ढाबे में काम करना शुरु कर दिया था।
‘मैं अकेला रहना चाहता था इसलिए मुंबई नहीं गया, ऋषिकेश चला गया। वहां एक ढाबे पर मैं ऑमलेट बनाता था। जो सरदार ढाबे के मालिक था, उसने मुझे नहीं पहचाना। लेकिन जो ग्राहक आते थे वो मुझे देखकर कहते थे कि ‘गोलमाल’ में आप ही थे न? और वो मेरी तस्वीरें लेते थे।’
जब अपने पिता के देहांत के समय उन्होंने मौत को करीब से देखा!
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उसी पल उन्होंने बॉलीवुड छोड़ने का मन बना लिया और ऋषिकेश चले गए। वहां उन्होंने एक ढाबे में काम करना शुरू कर दिया। फिर वह फिल्मों से काफी दूर हो गए। लेकिन ज़िंदगी को शायद कुछ और ही मंजूर था।
एक दिन जाने-माने निर्देशक रोहित शेट्टी उस ढाबे पर जा पहुंचे और उन्होंने संजय मिश्रा को पहचान लिया। पहचानते कैसे नहीं, आखिर उन्होंने रोहित शेट्टी की फिल्म गोलमाल में काम किया था।
जिसके ढाबे पर वह काम कर रहे थे उन्होंने तो पहचाना नहीं लेकिन जो लोग ढाबे पर आते देख कर कहते ‘आप गोलमाल वाले हैं ना’
फिर इंतज़ार किस बात का, रोहित ने संजय मिश्रा को अपनी फिल्म में काम करने के लिए मना लिया।
उसके बाद उन्होंने फिर एक के बाद एक बड़ी फिल्मों में काम करना शुरु किया, काम भी ऐसा कि उनके सामने बड़े-बड़े एक्टर फेल हो जाए। आज वह बॉलीवुड का एक जाना-माना नाम बन चुके हैं। उनका हर किरदार लाजवाब है।