फिल्म- रॉकेट्री- द नंबी इफेक्ट
निर्देशक- आर. माधवन
प्रोड़्यूसर- सरिता माधवानी, आर माधवानी, वर्गीज मूलन, विजय मूलन
स्टार कास्ट- आर माधवन, सिमरन, रजीत कपूर, रवि राघवेंद्र
छायांकन- सिरशा राय
संगीत सैम सी. एस.
रिलीज़ डेट- 19 मई 2022 (कान्स)
1 जुलाई 2022 (भारत)
रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट 2022 की बायोपिक ड्रामा फिल्म है, जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियर नंबी नारायणन के जीवन पर आधारित है, जो इसरो जासूसी मामले (ISRO espionage case) में आरोपी थे और बाद में उन्हें दोषमुक्त पया गया था। फिल्म को आर माधवन ने लिखा और निर्देशित किया है। इसके साथ ही आर माधवन ने फिल्म में मुख्य भूमिका भी निभाई हैं।
अक्टूबर 2018 में फिल्म की आधिकारिक घोषणा के बाद, भारत, रूस और फ्रांस सहित कई देशों में प्रमुख फोटोग्राफी हुई है। फिल्म के लिए छायांकन और संपादन क्रमशः सिरशा रे और बिजित बाला ने दिए है। फिल्म में सैम सी.एस. ने बैकग्राउंड स्कोर दिया है।
फिल्म को अंग्रेजी, तमिल और हिंदी में एक साथ फिल्माया गया है, 19 मई 2022 को कान्स फिल्म फेस्टिवल में इसका प्रीमियर हुआ और 1 जुलाई 2022 को फिल्म को थियेटर में रिलीज़ किया गया है।
फिल्म की शुरुआत नंबी के परिवार के एक साथ अच्छा समय बिताने, चुटकुले सुनाने के साथ होती है, उन्हें आने वाली कयामत के बारे में नही पता था। यहां तक कि दर्शकों को भी बड़ा झटका तब लगता है, जब हम देखते हैं कि नंबी की गिरफ्तारी के दिन पूरे परिवार को क्या झेलना पड़ता है। उनके बेटे-बेटियों पर लाठियों, पत्थरों और गोबर से हमला होता है। उसकी पत्नी को एक शादी से बाहर भेज दिया जाता है, और गिरफ्तारी से पहले पुलिस द्वारा उस पर हमला भी किया जाता है।
इसके बाद, हमें नंबी नारायणन की वैज्ञानिक क्षमताओं और उपलब्धियों से परिचित कराया जाता है। दर्शकों के लिए यह समझना आसान है कि प्रिंसटन एक आइवी लीग विश्वविद्यालय है और छात्रवृत्ति प्राप्त करना एक बड़ी उपलब्धि है।
फिल्म ‘रॉकेट्री उन सभी जुनूनी लोगों की कहानी है जो अपना घर परिवार सब किनारे करके अपने आप को काम पर लगा देते हैं। ये फिल्म उन लोगों को भी बखूबी दिखाती है जो आपको ऊपर जाता देख पीठ में छुरा घोंप देते हैं। फिल्म कामयाबी की तरफ बढ़ते एक जुनूनी इंसान भी कहानी है। फिल्म में दिखाया गया कि अगर नांबी नारायणन को साजिशन जेल में ना पहुंचाया गया होता तो आज इसरो विश्व की नंबर वन स्पेस एजेंसी होती। आपको बता दें कि नांबी नासा की नौकरी ठुकराकर ही तो देश के लिए कुछ करने के लिए भारत लौटे थे। फिल्म में नांबी नारायणन के साथ हुए अन्याय की कहानी को अच्छे से दिखाया गया है। पर दुख की बात यह है कि लोग इतनी अच्छी फिल्म को भी देखने नहीं जा रहें है। इस फिल्म को सबको देखना चाहिए।
फिल्म में शाहरुख खान और सूर्या का कैमियो-
फिल्म ‘नांबी नारायणन की जवानी से शुरु होती है। उनकी प्रतिभा को विक्रम साराभाई पहचानते हैं। फिर वो ए पी जे अब्दुल कलाम के भी साथ काम करते हैं।नांबी प्रिंस्टन में पढ़ने जाते हैं। नासा में नौकरी मिलती हैं लेकिन इसरो में काम करना चुनते हैं। उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने वाला रॉकेट बनाने में वह कामयाब हो जाते हैं। जिसका नाम है वीआई एएस ऱखा जाता है, जिसकी टेस्टिंग सफल हो जाती है। फिर इसके नाम में वो अपने गुरु के नाम का ‘के’ जोड़ देते हैं तब रॉकेट का नाम पड़ता है, विकास। यही विकास रॉकेट आज तक इसरो के उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाता रहा है। शाहरुख खान और सूर्या ने फिल्म में कैमियो किया है। शाहरुख खान हिंदी वर्जन में नांबी नारायणन का इंटरव्यू लेते है।
फिल्म में माधवन ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ अभिनय किया है। फिल्म में उनकी पत्नी के किरदार में सिमरन ने अच्छा काम किया हैं। सिमरन ने इस किरदार को जीकर दिखाया है। फिल्म ‘रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट’ देश में एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक के साथ हुए अन्याय की एक सच्ची कहानी है। इसका एक एक फ्रेम को माधवन ने हू ब हू वैसा ही बनाया है जैसा नांबी नारायणन के साथ हुआ है। नांबी नारायणन भी खुद इस फिल्म की मेकिंग से शुरू से जुड़े रहे हैं। अगर आप सच देखना चाहते है तो ये फिल्म जरूर देखें। वो सभी युवा जो देश के लिए कुछ करना चाहते है, उन्हें ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए।
ये भी पढ़े – ‘फिल्म क्रिटिक्स’ अनुपमा चोपड़ा ने माधवन की ‘रॉकेटरी: द नांबी इफेक्ट’ पर किया हमला