भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है। ऋषि सुनक का जन्म भले ही साउथेम्प्टन, हैम्पशायर, दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में हुआ। लेकिन, उनके दिल में भारत बसता है।
ऋषि सुनक के दादा-दादी ब्रिटिश शासन वाले भारत में पैदा हुए थे और काफी पढ़े-लिखे परिवार से ताल्लुक रखते थे। 1935 में उनके दादा जी को केन्या के नैरोबी शहर में एक क्लर्क की नौकरी मिल गई। उसी समय उन्होंने पानी के जहाज का एक वन-वे टिकट बुक कराया और अकले ही केन्या चले गए। साल 1937 में दादी भी केन्या पहुंच गईं।
उसके बाद 1960 के दशक में ऋषि सुनक के माता-पिता पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन में आकर बस गए थे। उनके पिता एक सामान्य चिकित्सक थे, जबकि उनकी मां एक फार्मासिस्ट थीं, जो एक स्थानीय फार्मेसी चलाती थीं।
सुनक ने अपने माता-पिता की भारतीय जड़ों के बारे में खुलकर बात की है और बताया कि कैसे उनके माता-पिता ने ऋषि सुनक को उनके लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
ऋषि सुनक भले ही भारतीय नागरिक नहीं हैं, लेकिन एक बार उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में भारत का ज़िक्र करते हुए कहा कि, ‘हम दक्षिण एशियाई लोगों के पास एक-दूसरे के लिए समय है। हम स्वभाव से दयालु होते हैं और कई बार बिना सोचे किसी की मदद करने के लिए तैयार हो जाते हैं।’
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उन्होंने भारतीय सभ्यता के बारे में भी बात की और कहा- ‘भले ही हम आपको ज्यादा जानते ना हो, लेकिन आपको रात के खाने के लिए घर आमंत्रित करेंगे या ऑफिस में आपके लिए कढ़ी या खीर लाएंगे। यदि आप हमारे लिए थोड़ा भी ऐसा करते हैं, तो हम जीवन भर आपके सबसे अच्छे दोस्त बनकर रहेंगे।
लेकिन यह केवल भोजन या गीत और नृत्य के बारे में नहीं है; यह मूल्य प्रणाली के बारे में है जो आकार देता है कि हम क्या खाते हैं, पीते हैं, या करते हैं, मोटे तौर पर। ये वे मूल्य हैं जिनके साथ मेरा पालन-पोषण हुआ।’
तीन भाई-बहनों में ऋषि सुनक सबसे बड़े हैं। उन्होंने हमेशा से ही अपने काम के जरिए अपनी एक अलग पेहचान बनाई है, शायद यही वजह है कि ऋषि सुनक को 180 से ज्यादा सांसदों का समर्थन मिल रहा था, जबकि पेनी मोरडॉन्ट समर्थन में काफी पीछे रह गई थीं, जिसके बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।
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