आत्मदाह का प्रयास करने वाली 24 वर्षीय महिला की भी मौत, दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के बाहर लगाई थी खुद को आग
सोमवार यानी 16 अगस्त 2021 को देश की राजधानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक महिला और पुरुष द्वारा आत्मदाह का प्रयास किया गया था और जानकारी मिलते ही पुलिस ने दोनों को अस्पताल में भर्ती करा दिया था। जिसके बाद खुद को आग के हवाले करने वाले 27 वर्षीय पुरुष का रविवार 21 अगस्त 2021 को निधन हो गया था और बीते मंगलवार यानी 24 अगस्त 2021 को 24 वर्षीय महिला ने भी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
बता दें कि दोनों को इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसमें 27 वर्षीय युवक 65 प्रतिशत, जबकि 24 वर्षीय महिला 85 प्रतिशत तक झुलस गई थी।
नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त दीपक यादव ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि, “मंगलवार को इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया।” महिला और पुरुष द्वारा आत्मदाह का प्रयास करने के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 309 (आत्महत्या का प्रयास) के तहत एक मामला दर्ज किया था। उन्होंने आगे बताया कि पुलिस को शक था कि पुरुष ने ही महिला को यह कदम उठाने के लिए राजी किया था। दीपक यादव ने महिला की जानकारी देते हुए बताया कि महिला उत्तर प्रदेश में गाजीपुर की रहने वाली थी और 2019 में बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल राय ने कथित तौर पर महिला के साथ बलात्कार किया था। इस मामले में पिछले 2 सालों से सांसद न्यायिक हिरासत में हैं।
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बता दें कि आत्महत्या का कदम उठाने से पहले महिला द्वारा अपने सहयोगी के साथ एक फेसबुक लाइव वीडियो रिकॉर्ड किया गया था। इस लाइव वीडियो में उन्होंने अपनी पहचान का खुलासा करते हुए यह दावा किया था कि उन्होंने साल 2019 में सांसद अतुल राय के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था।
महिला ने सांसद पर आरोप लगते हुए कई खुलासे भी किए थे, महिला ने कहा था कि पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी आरोपी का समर्थन कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा था कि दोनों के द्वारा यह अतिवादी कदम इसलिए उठाया गया था क्योंकि एक अदालत ने बलात्कार के मामले पर कथित तौर पर उम्र का गलत सबूत जमा कराने पर जालसाजी के एक मामले में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया था।
महिला ने अपने फेसबुक लाइव वीडियो में वारंट का भी जिक्र किया था। महिला ने बताया था कि उनके द्वारा मार्च में उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करते हुए बलात्कार के मामले की निष्पक्ष सुनवाई के लिए इलाहाबाद से दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया था।
बताते चलें कि अगस्त में आरोपी सांसद के भाई द्वारा महिला पर फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने मृतक महिला के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया था।