अमूमन लोग छोटी सी मुश्किल सामने देख कर हार जाते हैं लेकिन कुछ के इरादे फौलादी होते हैं जो मुश्किलों के सामने डटे रहते हैं और उनसे पार पा लेते हैं, ये किस्सा भी कुछ ऐसा ही है, एक खिलाड़ी जो अपने प्रदेश कि टीम का प्रतिनिधित्व कर रहा था, उसको पता चला कि उसकी गर्भवती पत्नी को लेबर पेन होने लगा है, चूँकि मैच शुरू होने में 2 दिन बाकी थे तो खिलाड़ी ने बायो बबल तोड़ा और जा पहुंचा अपनी पत्नी के पास, इस आसो उम्मीद में कि उसके घर भी अब किलकारियां गूजेंगी, वो भी पिता बनेगा और बाहों में भरेगा उस नन्ही सी जान को जो उसके अंश और अस्तित्व पर मुहर लगाएगी ।
पता चला बेटी हुई है तो मानो सारा जहाँ मिल गया हो, पत्नी ने बच्ची को जन्म दिया तो मानो माहौल रंगीन हो गया, बधाइयों का तांता सा लगा लेकिन हाय री फूटी किस्मत वो रंगीनियत बस चंद घंटों कि ही साबित हुई, बेटी पैदा होने के कुछ घंटों में ही दुनिया को अलविदा कह गयी, जो माहौल खुशियों और उत्साह का था अब वो गम, दुःख और अंधकार से सराबोर था।
इतनी मुश्किल घडी में जब सिर्फ मैच शुरू होने में 1 दिन बाकी था तो खिलाड़ी के सामने विकट परिस्थिति थी कि घर पर रुक कर अपनी अपनी पत्नी, परिवार और खुद को संभाले या टीम के साथ जाकर टीम को जिताये, खैर खिलाड़ी ने फ़र्ज़ को चुना और पहुंच गया क्रिकेट के मैदान में, मध्यक्रम का ये बल्लेबाज़ मानो बल्ला लेकर विधाता से लड़ने पहुंच गया हो, उसके हर शॉट में जज्बातों का गुबार उमड़ रहा था, जब वो बल्लेबाज़ी करने मैदान पर उतरा तो टीम 175 रन पर 3 विकेट गवां चुकी थी लेकिन अंगद सा जम गया ये खिलाड़ी और धो डाला विपक्षी टीम को, शानदार शतक जड़ने के बाद 104 रन बनाकर आउट हुआ।
कौन है वो खिलाड़ी ?
किस्सा पढ़ने के बाद आपके मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि ऐसे फौलादी जज्बे वाला खिलाड़ी कौन है जिसने अपनी नन्ही सी जान को खोने के 24 घंटे के अंदर ही मैदान में उतारकर विपक्षी टीम को धूल चटा दी ? तो खिलाड़ी का नाम है विष्णु सोलंकी, विष्णु वडोदरा के लिए खेलते हैं और मध्यक्रम में बल्लेबाज़ी करते हैं, अभी वडोदरा रणजी ट्रॉफी 2022 के मुक़ाबले में चंडीगढ़ के खिलाफ खेल रहे हैं, बता दें कि विष्णु कि पत्नी ने इस मैच के शुरू होने से पहले ही बेटी को जन्म दिया जो पैदा होते ही दुनिया को अलविदा कह गयी।
पहले भी खिलाड़ियों ने पेश की हैं ऐसी मिशालें –
विष्णु ने फ़र्ज़ को व्यक्तिगत जीवन से ऊपर रख के शानदार मिशाल पेश की है लेकिन ऐसा पहले भी कई बार हुआ है, आइये डालते हैं नजर ऐसे ही कुछ वाक़ियों पर –
विराट कोहली दिल्ली में रणजी ट्रॉफी का ही मैच खेल रहे थे, स्टंप्स के समय वो नॉट आउट थे यानी अगले दिन सुबह उनको बल्लेबाज़ी करनी थी, उनको खबर मिली की उनके पिता जी अब दुनिया में नहीं रहे, दिल्ली की हालत खस्ता थी अगर विराट बल्लेबाज़ी नहीं करते तो दिल्ली हार जाती, मैनेजमेंट ने भी आखिरी फैसला विराट पर छोड़ा था, विराट ने फ़र्ज़ को चुना अगले दिन सुबह जाकर बल्लेबाज़ी की 74 रन की शानदार पारी खेली फिर अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
सचिन तेंदुलकर 1999 विश्व कप खेलने के लिए इंग्लैंड में थे जब उन्हें पता चला की उनके पिता श्री रमेश तेंदुलकर अब इस दुनिया में नहीं रहे, भारत ज़िम्बाब्वे से 3 रन रन से मैच हारा था तो सचिन जरूरत टीम को काफी थी, ऐसे में सचिन चार्टर प्लेन से भारत आये, अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और अगले मैच से पहले ही टीम से जाकर जुड़ गए, केन्या के खिलाफ हुए अगले मैच में सचिन ने 140 रन की शानदार पारी खेली।
ऋषभ पंत दिल्ली के लिए आईपीएल खेल रहे थे और उनको खबर मिली की उनके सर पर अब पिता का साया नहीं रहा, पंत तुरंत देहरादून गए और दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) के अगले मैच से पहले वो अपने पिता के अंतिम दर्शन कर वापस लौट आये, आते ही उन्होंने गुजरात लायंस के खिलाफ शानदार 97 रन की पारी खेली।