बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक किरदार करने वाले राजेश शर्मा को आपने कई किरदार करते हुए देखा होगा। कभी विलेन के किरादार में, कभी पुलिस की वर्दी में, कभी कॉमेडी करते हुए, तो कभी एक पिता के रूप में देखा होगा।
इन सब के अलावा निजी ज़िंदगी में भी इन्होंने एक किरदार निभाया था, जिसका परिणाम यह था की आज वो उन्हें पूरी दुनिया का प्यार मिल रहा है. एक ऐसा किरदार जिसमें कई मुश्किलें आई थीं, रात दिन की मेहनत लगी थी। मगर उन्होंने हार नहीं मानी.
लुधियाना में जन्मे राजेश शर्मा कामकाज के लिए कोलकाता आ गए थे. यहां आकर उन्होंने पहले टैक्सी चलाई। 1994 से 1996 तक सुबह के समय वह टैक्सी चलाते थे और फिर शाम को 5:30 बजे ‘रंगकर्मी’ नाम के एक थिएटर ग्रुप प्ले के रिहर्सल के लिए जाते थे। उस समय उनके पास खुद की टैक्सी नहीं थी और इतने ज्यादा मौके नहीं थे, तो नौकरी मिल पाना बहुत मुश्किल होता था।
टैक्सी चलाने के साथ-साथ थिएटर में काम करने से उनकी ऐक्टिंग स्किल्स में काफी सुधार आया था और उन्हें थिएटर की दुनिया में अलग पहचान मिलने लगी। 4 साल तक टैक्सी चलाने के बाद उन्हें 1996 में फिल्म ‘माचिस’ से बॉलिवुड में कदम रखने का मौका मिला। इस फिल्म में उनका रोल बहुत छोटा सा था, जिसके बाद रोल की तलाश में 4 साल तक वह इधर-उधर भटके। लेकिन बॉलिवुड में मौका नहीं मिला. साल 2000 में बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में आ गए।
यहां उन्हें बहुत अच्छी पहचान मिलने लगी, एक वक्त पर तो ऐसा भी हुआ था कि उन्हें एक साल में लगभग तीन से चार फिल्में करते थे। वहां उन्होंने ज्यादातर नेगेटिव और विलेन के किरदार ही निभाए, बंगाली सिनेमा में लोग उन्हें ‘टीनू गुंडा’ के नाम से बुलाते थे।
1996 में बॉलिवुड में डेब्यू के करीब 9 साल बाद उन्हें फिर 2005 में आई हिंदी फिल्म ‘परिणीता’ में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म के बाद उनके पास कई फिल्में आने लगी। लेकिन असली पहचान मिली ‘नो वन किल्ड जेसिका’ से। इस फिल्म में उन्होंने एक कड़क पुलिसवाले का किरदार निभाया था। आज राजेश शर्मा कई फिल्मों से लेकर वेब सीरीज तक में काम करके दर्शकों के दिल में एक अलग जगह बना चुके हैं.
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