किसानों को लाभ पहुंचाने का दावा करने वाली योगी सरकार के राज में अब उत्तर प्रदेश में खाद का संकट गहराने लगा है। कई दिनों तक लाइन में लगे रहने के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। हालात इतने बदतर हो गए है कि अब हताश किसानों की जान पर बन आई है।
ऐसा ही एक मामला ललितपुर में बीते सोमवार यानी 23 अक्टूबर 2021 को सामने आया था, जहां खाद के लिए लाइन में लगे एक किसान की तबियत खराब हो गई, जिसके बाद उस किसान को अस्पताल में ले जाया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उस किसान की मौत हो गई थी। वहीं इस दौरान एक अन्य किसान ने भी खाद संकट से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी।
जिसके बाद अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने ललितपुर जाकर चार किसान परिवारों से मुलाकात की है, जो कथित तौर पर कृषि उर्वरक खरीदने के लिए लाइन में इंतजार कर रहे थे लेकिन क्षेत्र कृषि उर्वरक की कमी का सामना करते हुए बीमार पड़ गए थे और इस संकट के चलते उनमें से कई किसानों की मौत हो गई थी। बता दें कि, प्रियंका गांधी के ललितपुर पहुंचने के उपरांत पीड़ित किसानों से मुलाकात करने की जानकारी यूपी कांग्रेस ने ट्वीट करके दी है।
हैरानी की बात है कि ललितपुर समेत पूरे बुन्देलखंड में खाद की भयंकर किल्लत मची हुई है। कतारों में हमारे अन्नदाता दम तोड़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन अभी भी इस संकट को दूर करने के लिए कोई उचित कदम उठाने को तैयार नहीं है।
प्रियंका गांधी पिछले कई दिनों से किसानों के मुद्दे को आक्रामक तरीके से उठा रही हैं। इससे पहले भी प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में कहा था कि किसान मेहनत कर फसल तैयार करे तो फसल का दाम नहीं। किसान फसल उगाने की तैयारी करे, तो खाद नहीं। खाद न मिलने के चलते बुंदेलखंड के 2 किसानों की मौत हो चुकी है। लेकिन किसान विरोधी बीजेपी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगा है। इनकी नीयत और नीति दोनों में किसान विरोधी रवैया है।
वहीं योगी सरकार में किसानों की दुर्दशा पर सवाल खड़े करते हुए प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट में कहा कि,
“यहाँ पूरे बुंदेलखंड में किसान खाद के लिए लाइन में खड़े जान दे रहे हैं। वहाँ लखीमपुर में एक मंत्रीपुत्र कई किसानों को जीप से कुचल देता है और उसका पिता गृहमंत्री के साथ लखनऊ के मंच पर खड़ा है। देश का किसान आपके घमंड को देख रहा है”।
बताते चलें कि, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कुछ ही महीने बाकी है, लेकिन ऐसे में योगी सरकार का इस तरीके का रवैया कहीं ना कहीं चुनावों में भाजपा को नुकसान पहुंचा सकता है।