विस्तार-
रिव्यू- पोन्नियन सेल्वन-1
ऐक्टर: विक्रम,जयम रवि, कार्थी, तृषा कृष्णन, ऐश्वर्या रॉय बच्चन, शोभिता धूलिपाला, प्रकाश राज
निर्देशक : मणिरत्नम
श्रेणी: तमिल, पीरियड ड्रामा
अवधि: 2 Hrs 47 मिनट
निर्देशक मणिरत्नम की पीरियड ड्रामा फिल्म आखिरकार आज सिनेमाघरों में रिलीज हो ही गई। फिल्म के टाइटल ‘पोन्नियिन सेल्वन’ का मतलब है- पोन्नी (कावेरी) का बेटा है। फिल्म की कहानी चोल राजा अरुलमोझी वर्मन पर आधारित है। ये उनके शुरुआती दिनों की कहानी है, इन्होंने ही चोल साम्राज्य पर शासन किया था। पोन्नियन सेल्वन-1 भारतीय सिनेमा की अब तक की सबसे महंगी फिल्म है। फिल्म को 500 करोड़ रुपये के बजट में बनाया गया है।
फिल्म 1955 में कल्कि कृष्णमूर्ति द्वारा लिखे गए उपन्यास ‘पोन्नियिन सेल्वन’ पर आधारित है। तब से लेकर अब तक इस पर कई लोगों फिल्म बनाने का प्रयास किया है। पचास के दशक में एम जी रामचंद्रन (एमजीआर) ने इस पर फिल्म बनाने की कोशिश की थी, लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाएं है। फिर मणिरत्नम ने भी इस उपन्यास पर दो बार फिल्म बनाने की कोशिश की थी, लेकिन ये हो नहीं पाया। आखिरकार 2019 में एस एस राजामौली से इंस्पायर होने के बाद मणिरत्नम ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट पर फिल्म बनाने के लिए काम करना शुरू कर दिया था।
फिल्म की कहानी 10वीं शताब्दी की है। चोल साम्राज्य में उस समय साजिशों और योजनाएं बनाई जा रही थी। जब राजा
आदित्य करिकलन (विक्रम), उनके छोटा भाई अरुलमोझी वर्मन (जयम रवि) और उनके बीमार पिता सुंदर चोल (प्रकाश राज) विभिन्न स्थितियों में घिरें है। आदित्य करिकलन राष्ट्रकूटों से मुकाबला कर रहा है, वहीं अरुलमोझी वर्मन, सिंहल द्वीप (श्रीलंका) पर युद्ध लड़ रहा है। वहीं आदित्य की पुरानी प्रेमिका नंदिनी (Aishwarya Rai) चोल सेनापति की पत्नी बनकर साम्राज्य का विनाश करने में लगी है। तभी राजा आदित्य करिकलन
महल को बचाने के लिए और वहां क्या चल रहा है, ये जानने के लिए वल्लवरैयन वंथियाथेवन (कार्थी) नामक एक दूत-योद्धा को अपने पिता और छोटी बहन कुंदवी (त्रिशा) से मिलने के लिए भेजता है। दूत को कई तरह के षड्यंत्रों का पता चलता है।
इन षड्यंत्रकारियों को सफल होने से रोकना ही फिल्म की कहानी है।
‘पोन्नियिन सेल्वन’ फिल्म को तमिल सिनेमा की ‘बाहुबली’ माना जा रहा है। हालांकि इस फिल्म का ‘बाहुबली’ से मुकाबला करना सही नहीं है, क्योंकि यह सत्य घटना पर आधारित फिल्म है, वहीं बाहुबली एक फिक्शन ड्रामा थी। हिंदी वर्जन में फिल्म की शुरुआत में अजय देवगन का वॉइस ओवर है। अजय की आवाज दर्शको का फिल्म की कहानी से परिचय करवाती हैं। फिल्म धीमी रफ्तार से आगे बढ़ती है। राजमहल के भीतरी षडयंत्रों का पता चलते- चलते इंटरवल हो जाता है। इंटरवल के बाद फिल्म की कहानी सिंहल द्वीप पर पहुंचती है। जहां चोल साम्राज्य की विशाल नौसेना का भव्य दृश्य काफी कमाल का लगता है, लेकिन वहां लड़ाई कुछ खास नहीं होती है। फिल्म के क्लाईमैक्स में समुद्र में एक वॉर सीक्वेंस फिल्माया गया है, जो दर्शकों को जरूर लुभाता है।
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