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गुरूवार, दिसम्बर 26, 2024
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तनावग्रस्त रहने वाले लोगों की हो रही है उम्र कम, अधिक तनाव से 43% समय से पहले मौत का खतरा!

नई दिल्ली: कई तरह की रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग हमेशा ही तनाव में रहते हैं, उनकी समय से पूर्व मौत का खतरा 43 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसका कारण डीएनए पर तनाव के कारण पड़ने वाला प्रभाव हो सकता है। थोड़ा तनाव आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन बहुत अधिक तनाव से घबराहट, अवसाद और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं, इसलिए यदि आप जल्दी बुढ़े नहीं होना चाहते हैं, तो तनाव का प्रबंधन सीखना महत्वपूर्ण है।

आपको बता दें, डीएनए लगभग हर कोशिका में पाया जाता है। आपकी कोशिकाएं लगातार अपनी प्रतियां बनाती है और कभी-कभी इस प्रक्रिया के दौरान गलतियां भी हो जाती हैं, खासकर डीएनए के स्तर पर। इन गलतियों के कारण डीएनए में बदलाव होते हैं, जिसके चलते कोशिका कैंसरजनक बन जाती है। कोशिकाओं में इन गलतियों से बचने के लिए डीएनए के अंत पर सुरक्षात्मक टोपियां लगी होती हैं, जिन्हें टेलोमेयर कहा जाता है।

धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीना, अधिक वजन होना और तनाव के कारण टेलोमेयर को नुकसान पहुंचता है। व्यक्ति जब अत्यधिक तनाव में होता है, तो टेलोमेरेज अच्छे से काम नहीं कर पाते और इसके कारण वह समय से पहले बुढ़े लगने लगता है। टेलोमेरेज मानव कोशिकाओं का एक अनिवार्य हिस्सा हैं जो हमारी कोशिकाओं की आयु को प्रभावित करते हैं।

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जीवनशैली में सुधार करके और खान-पान की अच्छी आदतों से इस प्रक्रिया को पलटा जा सकता है। इसके अलावा कड़ा व्यायाम करने जैसी शारीरिक गतिविधियों से भी टेलोमेरेज गतिविधि बढ़ सकती है, यानी स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी की जा सकती है। तनाव का प्रबंधन करके भी स्वयं को अधिक समय तक जवान रखा जा सकता है।

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