पीएम मोदी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण किया है। पीएम मोदी ने इससे पहले महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, मंगुभाई पटेल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे।
इस अवसर पर महाकाल मंदिर के पूरे महाकाल लोक को फूलों से सजाया गया है। वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पीएम मोदी ने महाकाल कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद जनसभा को संबोधित किया है। पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि उज्जैन भारत की भव्यता के नए कालखंड का उद्घोष कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत मंदिर परिसर का करीब 7 गुना विस्तार किया जाएगा। पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 850 करोड़ रुपये है।
उज्जैन में पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि महाकाल काल की रेखाएं भी मिटा देते हैं। महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है और यहां के कण-कण में आध्यात्म है और यहां ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है। उज्जैन में कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग हैं। यहां 8 भैरव हैं, 4 महावीर हैं, 6 विनायक हैं, 9 नवग्रह हैं, 10 विष्णु हैं और 11 रुद्र हैं। 12 आदित्य हैं, 24 देवियां हैं और 88 तीर्थ हैं, और इन सबके केंद्र में महाकाल विराजमान हैं।
पीएम मोदी ने बटन दबाकर महाकाल लोक का उद्घाटन किया है। इस दौरान महाकाल प्रांगण को खूबसूरत तरीके से सजाया गया है।
प्रधानमंत्री ने उज्जैन को ज्योतिषीय गणनाओं में भारत का केंद्र बताया है, साथ ही ये भारत की आत्मा का भी केंद्र रहा है। सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए सबसे जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए। अपनी पहचान के साथ गौरव से सिर उठाकर खड़ा हो।
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आपको बता दें कि महाकाल लोक में 108 विशाल स्तंभ बनाए गए हैं। इन पर महादेव, पार्वती आदि के पूरे परिवार के चित्र उकेरे गए हैं। ये चित्र बिलकुल मूर्तियों जैसे हैं जिनमें शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय आदि की लीलाओं का वर्णन है।
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