पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर 3 नवंबर को जानलेवा हमला हुआ था। हमले में उन्हें गोली मार दी गई थी। इस हमले में वह घायल हो गए। पीटीआई प्रमुख और पार्टी के नेताओं को ले जा रहे कंटेनर के सामने खड़े एक शख्स ने अंधाधुध फायरिंग कर दी थी। इमरान खान एक मार्च निकाल रहे थे। इस वक्त पार्टी का हकाकी आजादी मार्च वजीराबाद के अल्लाहवाला चौक पर पहुंचा था। इस हमले के दौरान एक पीटीआई समर्थक की मौत हो गई। वहीं 14 पार्टी नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए थे, जिनमें सीनेटर फैसल जावेद खान, नासिर चट्ठा और ओमर मायर शामिल थे।
पाकिस्तान सरकार इमरान खान के भाषणों को लेकर कंफ्यूज लग रही है। सरकार ने इमरान खान के भाषणों के प्रसारण पर बैन लगा दी है। इसके कुछ देर बाद बैन हटा लिया गया। आपको बता दें कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) ने शनिवार (5 नवंबर) को इमरान खान के लाइव और रिकॉर्ड भाषणों के प्रसारण पर बैन लगा दिया। हालांकि ये बैन ज्यादा देर तक नहीं रहा इसे कुछ ही घंटों के बाद हटा दिया गया।
जब PEMRA से पूछा गया इमरान खान पर पहले बैन क्यों लगाया गया और बैन लगाया गया था तो फिर इसे क्यों हटा लिया गया। इस पर अथॉरिटी ने बताया इमरान खान के पाकिस्तानी सेना के खिलाफ दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर ये कार्रवाई की गई है। इमरान खान ने अपने उपर हुए जानलेवा हमले के एक दिन बाद देश को संबोधित किया था। उन्होंने इस दौरान शहबाज शरीफ सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
PEMRA ने अपनी तरफ से दिशा निर्देश जारी किए हैं। निर्देश में कहा गया है कि “ऐसी सामग्री के प्रसारण से लोगों में नफरत पैदा हो सकती है। साथ ही सार्वजनिक तौर पर शांति भंग करने की संभावना है। संविधान के अनुच्छेद 19 और धारा 27 के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना गंभीर अपराध माना गया है। दिशा निर्देश में PEMRA ने इमरान खान के भाषणों का एक ट्रांसक्रिप्ट भी शेयर किया है, जिसमें वह मार्शल लॉ के बारे में बात कर रहें हैं।
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