जय जवान जय किसान भारत का एक प्रसिद्ध नारा है, जिसे भारत का राष्ट्रीय नारा भी कहा जाता है और हमारे देश में जवान और किसान दोनों को समानता की नजर से देखा जाता है। कहा जाता है कि इस नारे को इसलिए दिया गया था क्योंकि हमारे जवान देश को बाहरी सुरक्षा प्रदान करते है तो वहीं किसान देश को अंदरूनी मजबूती प्रदान करता है, लेकिन आज वहीं किसान सबसे मजबूर हो गया है।
आज का सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या किसान मजबूर हैं और खेती मजबूरी है ? दिन पर दिन किसानों की स्थिति बद्दतर होती जा रही है, लेकिन सरकार अभी भी अपनी जिद पर अड़ी है। किसानों को अन्नदाता कहा जाता है लेकिन आज उन्हीं की पीड़ा सबसे गहरी है। आज दुनिया का पेट भरने वाला किसान ही अपने हक के लिए भूख हड़ताल पर बैठा है।
दिल्ली के बॉर्डर पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य जगहों के किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर करीब 11 महीने से धरने पर बैठे हुए हैं और आगामी 26 नवंबर को यूपी, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसानों के आंदोलन को एक साल पूरा हो जाएगा लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक भी केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को कोई राहत नहीं दी गई है।
इसी को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने आज एक बार फिर से मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “जब किसान नाम के आगे ‘शहीद’ लगाना पड़े, समझ जाओ सरकार की क्रूरता हद से पार हो गयी है। अन्नदाता सत्याग्रह को नमन!”
ऐसा पहली बार नहीं है, जब राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है, इससे पहले भी महंगाई और किसानों के मुद्दे को लेकर राहुल गांधी केंद्र सरकार पर निशाना साधते आए है। राहुल गांधी के अलावा प्रियंका गांधी और अन्य विपक्ष के लोगों को भी केंद्र सरकार को घेरते हुए देखा गया है।
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