नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम समेत पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। एनआईए द्वारा दायर की गई चार्जशीट में दाऊद के तीन गिरफ्तार किए जा चुके गुर्गों के नाम भी शामिल हैं। बाकी दो नाम दाऊद इब्राहिम और गैंगस्टर छोटा शकील के हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई ने डी-कंपनी और डॉन दाऊद इब्राहिम क्राइम संबंधित मामलों में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जिनके नाम क्रमश आरिफ अबुबकर शेख, शब्बीर अबुबकर शेख और मोहम्मद सलीम कुरैशी हैं।
चार्जशीट में क्या कहा गया है-
एनआईए द्वारा दायर की गई चार्जशीट में कहा गया है कि जांच में पाया गया है कि आरोपी डी-कंपनी के सदस्य हैं। जो एक आतंकी गिरोह और एक संगठित अपराध सिंडिकेट है। आरोपियों ने विभिन्न प्रकार के गैरकानूनी कामों को अंजाम दिया है। आरोपियों ने गैंग की आपराधिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की साजिश रची थी। इसके अलावा, उन्होंने भारत की सुरक्षा के खतरा पहुंचाते हुए लोगों को मौत और नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर बड़ी उगाही करके धन जुटाया है।
कौन है दाऊद इब्राहिम-
दाऊद इब्राहिम एक भारतीय माफिया डॉन और ड्रग किंगपिन है। इब्राहिम डोंगरी, मुंबई से वांछित आतंकवादी है। वह कथित तौर पर भारतीय संगठित अपराध सिंडिकेट डी-कंपनी का प्रमुख हैं, जिसकी स्थापना इब्राहिम के द्वारा 1970 के दशक में मुंबई में की गई थी।
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इब्राहिम हत्या, जबरन वसूली, लक्षित हत्या, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद आदि आरोपों में वांछित है। 1993 के बॉम्बे बम विस्फोटों में इब्राहिम की भूमिका के लिए उसे 2003 में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। जिसके लिए उसके सिर पर 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम भी रखा गया है।
वहीं 2011 में, यू.एस. फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन [और फोर्ब्स द्वारा “द वर्ल्ड्स 10 मोस्ट वांटेड भगोड़ों” की लिस्ट में इब्राहिम को तीसरे नंबर पर रखा था। हाल ही में, पाकिस्तानी सरकार ने FATF प्रतिबंधों से बचने के लिए दाऊद और 87 अन्य को अपनी प्रतिबंध सूची में सूचीबद्ध किया था। इब्राहिम पाकिस्तान के कराची में रह रहा है। ऐसी सूचना मिली थी। हालांकि पाकिस्तान की सरकार इससे इनकार कर दिया था। वहीं भारत सरकार ने महाराष्ट्र के तटीय कोंकण के रत्नागिरी जिले में उनके पैतृक गांव में दाऊद की छह संपत्तियों को बेच दिया है।
क्राइम वर्ल्ड में कैसे हुई दाऊद की एंट्री-
दाऊद युवाअवस्था में ही धोखाधड़ी, चोरी और डकैती आदि क्राइम करने लगा था। जल्द ही वह स्थानीय गैंगस्टर और डॉन बाशु दादा के गिरोह में शामिल हो गया। 1970 के दशक के अंत में, वह गिरोह से अलग हो गया। अपने बड़े भाई शब्बीर इब्राहिम के साथ उसने अपना खुद का गिरोह बनाया।
जिसके बाद प्रतिद्वंद्वी पठान गिरोह ने शब्बीर की हत्या कर दी। जिसके बाद, वह अपने गिरोह का एकमात्र मालिक बन गया, जिसे डी-कंपनी के नाम से जाना जाता है। वह तब मुख्य रूप से सोने की तस्करी, अचल संपत्ति, जबरन वसूली और मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल था। दाऊद को मुंबई पुलिस समद खान की हत्या के लिए ढूंढ रही थी। जिसके बाद वह 1986 में भारत से दुबई भाग गया।
बाद में उसने छोटा राजन की मदद से अपने गिरोह का और विस्तार किया, उनके गिरोह के 5000 से अधिक सदस्य थे। जो 1990 के दशक की शुरुआत तक सालाना राजस्व में दसियों करोड़ रुपये लाते थे। भारत सरकार ने 1993 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड में से एक के रूप में उसे नामित किया था। मुंबई हमलों के बाद वह दुबई से कराची चला गया था। कहा जाता है कि दाऊद दुबई में आज भी रहता है।
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