18.1 C
Delhi
शनिवार, नवम्बर 16, 2024
Recommended By- BEdigitech

न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला, गर्दन पर मारा चाकू

न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला हुआ है। इस कार्यक्रम के दौरान हमलावर ने मंच पर चढकर सलमान रुश्दी पर चाकू से अटैक किया है। हमलावर ने उन्हें मुक्के भी मारे हैं। आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में 75 वर्षीय सलमान रुश्दी लेक्चर देने के लिए गए थे। इस हमले में सलमान रुश्दी घायल हो गए है। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि न्यूयॉर्क पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है।

न्यूयॉर्क पुलिस के अनुसार चौटाउक्वा संस्थान में एक भाषण कार्यक्रम के दौरान लेखक सलमान रुश्दी परजानलेवा हमला हुआ है, जिसकी जांच की जा रही हैं. लगभग 11 बजे चौटाउक्वा संस्थान में एक कार्यक्रम में जब रुश्दी भाषण देने जा रहे थे तभी उन पर एक संदिग्ध व्यक्ति ने मंच पर चढकर हमला कर दिया। उनकी गर्दन पर चाकू से वार करने के बाद उन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल ले जाया गया था। उनकी हालत के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। साक्षात्कारकर्ता को भी सिर में चोट आई है।

सलमान रुश्दी पर हमले के बारे में पता चलने पर कई हस्तियों ने ट्वीट कर चिंता जताई है। लेखिका तस्लीमा नसरीन ने ट्वीट करते हुए लिखा “मुझे अभी पता चला कि न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हमला हुआ था। मैं इस बात से स्तब्ध हूं। यदि उन पर हमला हो सकता है तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला हो सकता है। जिससे मैं चिंतित हूं।

इस घटना के एक चश्मदीद कार्ल लेवन ने इस बार में ट्वीट कर कहा है कि सलमान रुश्दी की हत्या करने की कोशिश की गई है। हमलावर ने सलमान रश्दी को कई बार चाकू मारा है। जिसके बाद सुरक्षाबलों के द्वारा हमलावर को पकड़ लिया गया है। तभी दर्शकों के बीच से कुछ सदस्य भागकर मंच पर पहुंचे थे।

Advertisement

आपको बता दें कि सलमान रुश्दी भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक है, जो पिछले 20 वर्षों से अमेरिका में रह रहे हैं। सलमान रुश्दी कोउनकी किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ को लेकर धमकियां मिल रही थी। इस बुक 1988 से ईरान में बैन किया गया है। इस किताब में इस्लाम के प्रति ईशनिंदा की गई है। ऐसा आरोप लगाया गया है। इतना ही नहीं शीर्ष ईरानी नेता ने उनके सर पर इनाम भी रखा था।

रुश्दी का पहला नोवल 1975 में आया था। मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981) के लिए उन्हें बुकर प्राइज दिया गया था। ये नोवल आधुनिक भारत के बारे में है। 2007 में, इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा उन्हें साहित्य की सेवाओं के लिए ‘सर’ की उपाधि से नवाजा गया था।

ये भी पढ़े – क्या आप जानते हैं भारतीय तिरंगे को कब जाकर मिली थी संवैधानिक मान्यता ? अब तक 6 बार बदल चुका है ध्वज!

राजन चौहान
राजन चौहानhttps://www.duniyakamood.com/
मेरा नाम राजन चौहान हैं। मैं एक कंटेंट राइटर/एडिटर दुनिया का मूड न्यूज़ पोर्टल के साथ काम कर रहा हूँ। मेरे अनुभव में कुछ समाचार चैनलों, वेब पोर्टलों, विज्ञापन एजेंसियों और अन्य के लिए लेखन शामिल है। मेरी एजुकेशन बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (सीएसई) हैं। कंटेंट राइटर के अलावा, मुझे फिल्म मेकिंग और फिक्शन लेखन में गहरी दिलचस्पी है।

Related Articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest Articles