अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां के लोगों में एक डर का माहौल पैदा हो गया है, और लगातार लोग अफगानिस्तान से बाहर जाने के लिए जद्दोजहद में लगे हुए है।
इस बीच भारत के भी कई लोग अफगानिस्तान में फंस गए हैं और भारत सरकार से सुरक्षित घर वापसी के लिए लगातार गुहार लगा रहे है और भारत भी इस संकट की घड़ी में अपने लोगों की घर वापसी के लिए लगातार कोशिश कर रहा है।
ऐसे में अपने लोगों की घर वापसी के साथ-साथ सरकार के सामने एक और चुनौती आ खड़ी है, और यह चुनौती है अपने ही नेताओं की नाराजगी।
काफी दिनों से यह देखा जा रहा है कि विपक्ष तो विपक्ष भाजपा के नेता भी सरकार पर तंज कसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।
दरअसल तालिबान और अफगानिस्तान के मामले पर भाजपा के एक राज्यसभा सांसद ने अपने ट्वीट के माध्यम से मोदी सरकार की आलोचना की है। उनका कहना है कि भारत पहले चीन के सामने कमजोर दिखा और अब तालिबान के सामने भी कमजोर नजर आ रहा है।
आपको बता दें कि यह टिप्पणी करने वाले और कोई नहीं बल्कि अपनी टिप्पणियों को लेकर अक्सर सुखिर्यों में रहने वाले केन्द्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने की है।
बीते मंगलवार को एक ट्वीट करते हुए स्वामी ने कहा कि, “भारत पहले 2013 से देपसांग में और फिर अप्रैल 2020 से लद्दाख में चीन के सामने कमजोर दिखा और अब तालिबान के सामने भी हतास दिख रहा है। यह हमारी राष्ट्रीय अखंडता की छवि के लिए बुरा है।”
ऐसा पहली बार नहीं है जब भाजपा के किसी सांसद ने मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हो इससे पहले भी साल 2019 में पार्टी से बगावत करते हुए फिल्म एक्टर एवं पूर्व लोकसभा और राज्यसभा सदस्य और भाजपा के पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने पार्टी को छोड़ दिया था।
शत्रुघ्न सिन्हा ने पार्टी को छोड़ते हुए एक ट्वीट किया था और लिखा था कि “बहुत भारी मन से मैंने अपनी पुरानी पार्टी (भाजपा) को छोड़ने का फैसला किया है। मेरे भाजपा छोड़ने की वजह सब जानते हैं। लोकशाही, तानाशाही में बदलती चली गई। अब मैं इन चीजों को छोड़कर आ चुका हूं। उन्हें माफ भी कर चुका हूं। उम्मीद है कि मेरी नई पार्टी लोगों, समाज और देश की सेवा करने का मौका देगी।”
शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस पार्टी से जुड़ते हुए यह कहा था।
बताते चलें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मुलाकात करते हुए अफगानिस्तान के हालातों को लेकर चर्चा की। जयशंकर ने अपनी मुलाकात को लेकर एक ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि, ” संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मुलाकात कर खुशी हुई। कल हुई सुरक्षा परिषद की बैठक पर चर्चा के बाद हमारी वार्ता अफगानिस्तान पर केंद्रित रही।”