भारत के 19 वर्षीय युवा वेटलिफ्टर Jeremy Lalrinnunga ने 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की 67 किग्रा वर्ग स्पर्धा में कुल 300 किग्रा वजन उठाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। केवल 19 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने नाम कई मुकाम हासिल किए हैं। वो घम राष्ट्रमंडल खेलों में मीराबाई चानू के बाद दूसरा स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी बनें। इसके अलावा इन खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष हैं।
जेरेमी को काफी चोट लगी थी लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और भारत को गेम्स के तीसरे ही दिन मेडल दिला दिया। जेरेमी क्लीन एंड जर्क राउंड में अपने तीसरे प्रयास में 165 किलो उठाने की कोशिश में चोटिल हो गए थे। जेरेमी के नाम वेटलिफ्टिंग में 20 नेशनल रिकॉर्ड है। कॉमनवेल्थ में कुल 300 किलोग्राम वेट उठाकर उन्होंने गोल्ड अपने नाम किया हैं।
भारतीय सेना के जवान जेरेमी लालरिनुंगा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में दिखा दिया कि देश का जवान अपने देश का सर किसी के भी सामने झुकने नहीं देगा। जेरेमी भारतीय सेना में नायब सुबेदार के पद पर बाड़मेर में पोस्टेड हैं। आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट्स में उनकी ट्रेनिंग हुई है। इनके कोच सुबेदार इकबाल सिंह है। वहीं, जेरेमी के पिता मुक्केबाजी के चैंपियन रह चुके हैं। इसलिए जेरेमी भी पहले बॉक्सर बनना चाहते थे, लेकिन गांव में खुली एक अकेडमी ने उन्हें वेटलिफ्टिंग चैंपियन बना दिया।
जेरेमी ने साल 2011 में वेटलिफ्टिंग के सफर की शुरुआत की थी। वो पहले बॉक्सर बनना चाहते थे, लेकिन गांव में वेटलिफ्टिंग एकेडमी खुलने के बाद उन्होंने इसी को अपनी करियर बना लिया। कुछ सालों में ही उन्होंने वेटलिफ्टिंग में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया। जेरेमी ने कम उम्र में ही भारत के लिए यूथ ओलिंपिक गेम्स में मेडल जीता था। इस इवेंट में जेरेमी भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।
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