ओडिशा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एक आदिवासी ने सांप को बदले में काटा, सांप की मौत. लोहा लोहे को काटता है. ज़हर, ज़हर को मारता है ये मुहावरा आपने ख़ूब सुना होगा, इस मुहावरे की असल ज़िन्दगी में आज़माइश भी आपने कहीं न कहीं देखी या सुनी होगी. लेकिन अब जो आपको बताने जा रहे हैं, वो अपनी क़िस्म का ऐसा मामला है जो अजीबोगरीब तरीके से इन मुहावरों को नुमाया करता है. ये दिखाता है कि इंसान बदले के लिए किस हद तक जा सकता है.
ख़बर ओडिशा के एक गांव की है जहां के एक आदिवासी व्यक्ति का पैर एक ज़हरीले सांप पर पड़ गया. सांप ने स्वाभाविक तौर पर उसे काट लिया और फिर उस व्यक्ति ने प्रतिशोध में उस सांप को काटा और तब तक काटता रहा जब तक वो सांप मर नहीं गया.
ये असामान्य सी लगने वाली घटना ओडिशा के दनगढ़ी ब्लॉक में आने वाली ग्राम पंचायत शालीजंगा के गांव गंभरीपाटिया की है. यहां के 45 वर्षीय निवासी किशोर बदरा ने इंडिया टुडे को सारा घटनाक्रम बताते हुए कहा कि वे बुधवार रात को अपने धान के खेत से काम पूरा करके वापस आ रहे थे, तभी गलती से उनका पैर ज़हरीले सांप के ऊपर पड़ गया. सांप ने स्वभावतः अपनी आत्मरक्षा में किशोर के पैर में काट लिया. जब किशोर को तेज़ दर्द हुआ तो उसने फ़ौरन अपनी टॉर्च जलाकर नीचे देखा, तो सांप जा रहा था. गुस्से और झुंझलाहट में किशोर ने फ़ौरन सांप को हाथों से पकड़ा और उसे कई बार मुंह से काटा.
किशोर बताते हैं, “मैंने सांप को चबा डाला और उसका सारा खून पी गया, और मैं बिल्कुल ठीक हूं.”
सांप को मारने के बाद किशोर उस सांप का शव लेकर गांव गए. चूंकि करैत सांप ज़हरीला होता है, सो गांव वालों ने किशोर को सलाह भी दी कि वो फ़ौरन डॉक्टर को दिखाएं. लेकिन किशोर बदरा डॉक्टर के पास जाने की बजाय गांव के ही किसी नीम-हकीम के पास गए.