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शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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यूपी विधानसभा चुनाव: मीडिया सर्वेक्षण पर मायावती ने जताई आपत्ति, कहा चुनाव आयोग चुनाव से 6 महीने पहले सभी मीडिया सर्वेक्षणों पर लगाए रोक.

आज बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम की 15वीं पुण्यतिथि कांशीराम स्मारक स्थल पर बसपा की प्रमुख मायावती, वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में मनाई गई, इस दौरान मायावती ने आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए काशीराम को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किए जाने की मांग की।
इस दौरान अपने संबोधन में मायावती ने भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा कि, उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा को अच्छे से पहचान चुकी है और आगामी चुनावों में परिवर्तन तय है।


मायावती ने कहा कि “आप जानते हैं कि जब बंगाल में विधानसभा चुनाव चल रहे थे, सर्वेक्षण दिखा रहे थे कि ममता बनर्जी पीछे चल रही हैं, लेकिन जब परिणाम आए, तो यह विपरीत था। जो सत्ता पाने का सपना देख रहे थे, उनके सपने चकनाचूर हो गए और ममता ने भारी बहुमत से वापसी की। इसलिए, आपको इन सर्वेक्षणों से गुमराह नहीं होना चाहिए”।


दरअसल, हाल ही में एक न्यूज चैनल ने एक सर्वे दिखाया था और इस सर्वे में दिखाया गया था कि भाजपा आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों में भारी मतों के साथ जीत तय करेगी। जिस पर नाराजगी जताते हुए, मायावती ने कहा कि, “भाजपा जानती है कि अब उत्तर प्रदेश में उनकी दाल नहीं गलने वाली इसलिए भजापा सरकार राज्य मशीनरी का इस्तेमाल करके अपने पक्ष में माहौल बनाने के प्रयासों में जुटी हुई है।


मायावती ने अपने संबोधन में कहा कि, “यह भी सभी जानते हैं कि जब ये हथकंडे काम नहीं करेंगे, तो भाजपा अंततः चुनाव को हिंदू-मुस्लिम रंग देने का प्रयास करेगी और इसकी आड़ में पूरा राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की जाएगी। अब हमें इसी को ध्यान में रखकर चुनाव लड़ना है।”

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अपने संबोधन के दौरान मायावती ने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि, ”छोटी पार्टियां और संगठन हैं, जो अकेले या संयुक्त रूप से चुनाव लड़ सकते हैं। उनका काम चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि सत्ता पक्ष को परदे के पीछे से फायदा पहुंचाना है, अपने निहित स्वार्थ को महसूस करना है। इसलिए, इन जातियों और समुदायों के लोगों को इन पार्टियों और संगठनों के प्रभाव में नहीं आना चाहिए।”


मायावती ने कहा कि, यूपी के गरीब और बेरोजगार नौजवानों को रोटी-रोजी के साधन उपलब्ध कराना ही हमारी सरकार मकसद और मुख्य चुनावी मुद्दा होगा। अगर बसपा सरकार बना लेती है तो कोई बदले की भावना नहीं होगी, केंद्र और राज्य की जो भी योजनाएं चल रही हैं, उन्हें रोका नहीं जाएगा।


बताते चलें कि, आयोजित कार्यक्रम में अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर भी मौजूद रही।

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