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शनिवार, नवम्बर 23, 2024
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कई बॉलीवुड फिल्में खुशी के कारण कर देती हैं भावुक, यहां जानें ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में

बॉलीवुड में हर हफ्ते कई फिल्में रिलीज होती है। बॉलीवुड की कई फिल्में दिल को छू लेने वाली होती हैं और एक हमारे ऊपर एक अलग छाप छोड़ती हैं हमें कुछ नया सिखा देती हैं। कई फिल्में ऐसी होती हैं जिन्हें जितनी बार देखों नई जैसी ही लगती हैं। लेकिन जो बात इन कहानियों को याद रखने के लिए बेहद खास बनाती है, वह है इनके खास पल। यहां 4 बॉलीवुड फिल्में हैं जिन्होंने हमें भावुक कर दिया और आंखें नम कर दीं।

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माइ नेम इज़ ख़ान

शाहरुख खान की फिल्म माइ नेम इज़ ख़ान एक बड़े ही संजीदा मसले को दिखाती है। इस फिल्म ने इमोशनल एंगल उस वक्त लिया जब रिजवान एक यात्रा पर निकलता है और अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने के अपने सपने को पूरा करता है। अंत में उसकी पत्नी मंदिरा भी उसको माफ कर देती है। इस फिल्म में एक साधारण संदेश है, अच्छे लोग, बुरे लोग और ढेर सारी भावनाएं दिखाती है।

हिचकी

इस फिल्म में टॉरेट सिंड्रोम से पीड़ित नैना माथुर को बोलने की बीमारी के कारण कई स्कूलों में पढ़ाने का काम नहीं मिलता। कई स्कूलों से खारिज किए जाने के बाद उनका शिक्षक बनने का सपना पूरा होता है। लेकिन नैना माथुर का संघर्ष यहीं खत्म नहीं हुआ, उन्हें पढ़ाने की नौकरी मिलने के बाद भी, उन बच्चों के साथ कक्षा दी गई, जिन्हें स्कूल के बाकी हिस्सों से बहिष्कृत माना जाता था और उनकी उपेक्षा की जाती थी। लेकिन नैना ने हार नहीं मानी, पहले तो उनसे निपटने के लिए संघर्ष किया, कड़ी मेहनत की और अंत में उन बच्चों ने स्कूल के टॉपर्स को पछाड़कर आगे निकल गए।

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सीक्रेट सुपरस्टार

यह एक काफी इमोशनल फिल्म है, इसमें एक रूढ़िवादी परिवार से आने वाली इंसिया हमेशा एक सिंगर बनना चाहती थी। लेकिन उसके पिता ने हमेशा उसका विरोध किया। लेकिन उसने हार नहीं मानी और सबसे छुपते छुपाते गाना गाती रही। परिवार से लड़ते हुए दुनिया के सामने ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ के रूप में अपनी पहचान बनाने लगी। जब उसने अपने सपने को जीना शुरू किया उसे एक अलग ही एहसास हुआ।

चक दे इंडिया

इस फिल्म में कबीर खान का करदार निभाने वाले शाहरुख खान एक पूर्व हॉकी खिलाड़ी की भूमिका निभा रहे हैं। उन्हें एक देशद्रोही के रूप में बदनाम कर के टीम से निकाल दिया जाता है। अपनी देशभक्ति को साबित करने के लिए और अपनी पहचान बनाने के लिए वह एक भारतीय महिला राष्ट्रीय हॉकी टीम बनाने के लिए युवा महिलाओं के एक समूह को इकट्ठा करता है। इस फिल्म में कई ऐसे दृश्य थे जो आंखों में आंसू ला देते हैं। इस फिल्म के गाने भी काफी इमोशनल हैं। फिल्म में कई किरदारों के साथ ऐसे कई पल थे और अंत में कबीर अपनी लड़ाई जीतकर अपने घर लौट जाता है और सभी ने उनकी जय-जयकार की।

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